प्रतापनगर: उत्तराखंड की लगभग 58 फीसदी हिस्से खासकर पहाड़ी इलाकों में राजस्व विभाग ने पटवारी चौकियों का निर्माण करवाया गया है. जिससे की दूर दराज से आने वाले लोगों को सुविधा हो. लेकिन इन दिनों ये पटवारी चौकियां बंजर हो चुकी हैं. मामला प्रतापनगर तहसील का है जहां की लगभग सभी पटवारी चौकियां खाली पड़ी हुई हैं.
प्रतापनगर विकास खंड की लंबगांव पटवारी चौकी में सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां के पटवारी प्रतापनगर में कमरा किराये पर लेकर रह रहे हैं. ऐसा सिर्फ लंबगांव पटवारी चौकी में नहीं है बल्कि क्षेत्र की ज्यादातर पटवारी चौकियों में ये ही हालात हैं. सभी पटवारी अपनी सुख-सुविधा के लिए तहसील के केंद्र बिंदु व मुख्य बाजारों में किराये पर रह रहे हैं. जिसके कारण पटवारी चौकियों से जरुरतमंद लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है.
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मामले पर बोलते हुए कानूनगो ने कहा ये पटवारी चौकियां वीरान जगह पर बनी हैं, वहां पर बिजली पानी और अन्य सुविधाएं नहीं हैं, जिसके कारण पटवारियों को किराये पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा आज का दौर इंटरनेट है, जिन स्थानों पर चौकियां हैं वहीं पर नेटवर्क की भी समस्या है, जिसके कारण भी पटवारियों को बाजार आना पड़ता है. उन्होंने कहा जितनी समस्याएं लोगों को हैं उतनी ही समस्याओं का सामना पटवारियों को भी करना पड़ता है.
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एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्थाएं बनाने की बात तो बार-बार करती है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित पटवारी चौकियों को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. सरकारों को चाहिए की पटवारी चौकियों को आज के हिसाब से बनाया जाए, वहां पर सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जांए, जिससे पटवारियों चौकी छोड़कर कहीं न जाना पड़े, इससे जहां पटवारियों को काम करने में आसानी होगी, वहीं लोगों को भी सहूलियत होगी.