टिहरी:जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कोलकाता की क्लेहार्न मोटर्स कंपनी को 6 सीटर नई बोट के साथ ही 50 हजार रुपये की आर्थिक क्षति 6 फीसदी ब्याज समेत देने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कंपनी को 10 हजार रुपये की मानसिक क्षतिपूर्ति भी देनी होगी.
टिहरी के वकील जयप्रकाश पांडेय ने बताया कि बौराड़ी के 9 डी निवासी शिकायतकर्ता जगत सिंह बिष्ट ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग से शिकायत की थी कि उन्होंने कोलकाता की क्लेहार्न मोटर्स कंपनी से जून 2017 में 15 हार्सपावर का वाटर स्कूटर खरीदा था, जिसकी 6 महीने की वारंटी थी. जुलाई 2017 में स्कूटर लेने के बाद टिहरी झील में इसका संचालन किया. कुछ दिन में ही उसमें तकनीकी खामी आ गई. इस संबंध में उन्होंने कंपनी के मालिक कृष्णा कुमार को सूचना दी.
इस पर उन्होंने वाटर स्कूटर को जल्द ठीक करने का आश्वासन दिया लेकिन कंपनी खामियां दूर करने के बजाय वाटर स्कूटर अपने साथ ले. उसके बदले एक लाख रुपये अतिरिक्त का बिल बताकर 30HP की 6 सीटर बोट देने की बात कही लेकिन कंपनी ने बोट पर पुराने स्कूटर का 15 एचपी इंजन लगाकर भेज दिया. इस कारण टिहरी झील विशेष परिक्षेत्र प्राधिकरण की ओर से बोट पांच सीटर में पास की गई. कंपनी के इंजीनियर ने बोट का परीक्षण कर कंपनी मालिक को फोन किया लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया.
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अधिवक्ता पांडेय ने इस बाबत आयोग के समक्ष कई साक्ष्य प्रस्तुत कर 19 लाख 17 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा प्रस्तुत किया गया. आयोग ने कंपनी को पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. इस पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष व जिला जज अनुज कुमार संगल, सदस्य विनोद रतूड़ी और गीतांजलि सजवाण ने मामले का एकपक्षीय निस्तारण करते हुए कहा कि कंपनी शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ आर्थिक क्षति और 10 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए हैं.