टिहरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे योजना को टिहरी में पलीता लगाने का काम हो रहा है. यहां भागीरथी नदी पर बनी टिहरी झील में फ्लोटिंग हट्स से निकलने वाली गंदगी सीधे झील में डाली जा रही है. इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज धनाई ने बनाया है. इस वीडियो के सामने आने के बाद विरोध तेज हो गया है.
टिहरी झील पर बने फ्लोटिंग हट्स का संचालन एक निजी होटल कर रहा है, लेकिन आरोप है कि ये सभी हट्स मानकों के विपरित चलाए जा रहे हैं. हट्स से निकलने वाला मल-मूत्र सीधे टिहरी झील में डाला जा रहा है, जिससे लोगों की धार्मिक आस्था को चोट पहुंच रही है. बताया जा रहा है कि बीते सालों से ऐसा काम हो रहा है.
स्वच्छ भारत मिशन पर लग रहा ग्रहण. पढ़ें- स्वच्छता सर्वेक्षण में हरिद्वार को बेस्ट गंगा टाउन का अवॉर्ड मिला, नगर निगम में खुशी की लहर किस तरह फ्लोटिंग हट्स से निकलने वाली गंदगी को टिहरी झील में डाला जा रहा है, इसका एक वीडियो समाजसेवी मनोज धनाई ने बनाया है. आश्चर्य की बात ये है कि ये होटल बीते दो सालों से चल रहा है लेकिन अभीतक किसी संबंधित विभाग की नजरें इस कार्य पर नहीं गई हैं. वहीं, अभी तक मानकों को ताक पर रखकर बिना लाइसेंस के ही इस होटल का संचालन हो रहा था. हालांकि अब अंकिता भंडारी केस के बाद मालिकों ने पर्यटन विभाग में लाइसेंस के लिए आवेदन किया है.
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी और मनोज धनाई ने जब इस मामले में जोरशोर से उठाया और होटल के खिलाफ धरने पर बैठे तो जिला प्रशासन ने जांच समिति बनाकर मामले को शांत करने का प्रयास किया. सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर लोगों के आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. जबतक जिला प्रशासन होटल सील नहीं करता और सरकार जबतक इसकी लीज समाप्त नहीं करती है, तबतक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
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बता दें कि टिहरी झील के ऊपर तैरने वाले होटल को फ्लोटिंग हट्स के नाम से जाना जाता है, जिसे उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने 60 करोड़ से अधिक की लागत से बनाया है. उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग ने इस होटल को एक करोड़ प्रति साल के हिसाब से 30 साल के लिए एक निजी ग्रुप को लीज पर दिया है.