टिहरी: जिले में कोरोना के 6 मरीजों की पुष्टि होने से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में हड़कप मचा हुआ है. सभी के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. इस बीच जिले में नया और अजीबोगरीब मामला ये आया है कि अधिकारियों के आपस में तालमेल न होने के कारण 4 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को नर्सिंग कॉलेज सूरसिंग धार में गेट के बाहर डेढ़ घंटे तक एम्बुलेंस में इन्तजार करना पड़ा. लेकिन, जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस बात को मानने तक के लिए ही तैयार नहीं है.
कोरोना संकट के बीच बड़ी लापरवाही. इन मरीजों ने जिला स्वास्थ्य चिकिसा अधिकारी और जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इनका आरोप है कि वे एम्बुलेंस में डेढ़ घंटे तक इन्तजार करते रहे, लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने नहीं आया.
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मीनू रावत ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को बौराड़ी के भगत मंगलम होटल में रखा जाएगा. हद तो तब हो गई जब उन्होंने इस बात को ही मानने से इन्कार कर दिया कि 4 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को नर्सिंग कॉलेज सुरसिंगधार में भेजा गया. वे आखिर तक यही कहती रहीं कि मैंने इस तरह का कोई आदेश ही नहीं दिया. फ़िलहाल हकीकत ये है कि वे 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज बिना किसी सुविधा के नर्सिंग कॉलेज सुरसिंगधार में रह रहे हैं.
पढ़े: कोरोना के कहर के साथ अब डेंगू और मलेरिया की मार!
अभी तक टिहरी के जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकिसा अधिकारी द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि कोरोना काल को दो महीने से अधिक का समय हो गया है. हकीकत यही है कि न तो जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकिसा अधिकारी और न ही जिला प्रशासन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए कोई व्यवस्था कर पाया है.