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टिहरी: विभागीय उपेक्षा का शिकार वन विश्राम भवन, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध

टिहरी के तमियार में बना वन विश्राम भवन सरकारी तंत्र और वन विभाग की उपेक्षा के कारण आज अंतिम सांसें गिन रहा है. इसके बावजूद शासन-प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है.

Van Vishram Bhavan
Van Vishram Bhavan

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Published : Aug 21, 2021, 12:30 PM IST

टिहरी:गजा-तमियार मोटरमार्ग पर तमियार में बना वन विश्राम भवन सरकारी तंत्र और वन विभाग की उपेक्षा के कारण आज अंतिम सांसें गिन रहा है. बता दें कि, 1962-63 के दशक में यह वन विश्राम भवन तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी दयाराबाग टिहरी चैन सिंह की ओर से वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बनवाया गया था. यहां तक वन विभाग की सड़क गजा से बनी हुई थी. ताकि चीड़ के पेड़ों के लकड़ी के स्लीपर ले जाए जा सके.

बता दें कि, उस समय इस सड़क का नाम जंगलात रोड था. जो अब पीएमजीएसवाई विभाग बना रहा है. यह वन विश्राम भवन दो भागों में बना था. एक रेस्ट हाउस और दूसरा आउट हाउस. आउट हाउस में कर्मचारियों के रहने व भोजन आदि बनाने का काम होता था. यहां पर विश्राम भवन का साइन बोर्ड लगा था. वहीं, विश्राम भवन की चाबी तमियार गांव निवासी कृपाल सिंह रावत के पास रहती थी. जो उस समय पार्ट टाइम चौकीदार 15 रुपये की तनख्वाह पर कार्यरत थे. इसके बाद वन विभाग ने 15 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये प्रतिमाह कर दिया. 10 साल पहले कृपाल सिंह की मृत्यु हो जाने के बाद अब यह विश्राम भवन लावारिस हालत में है. आज इस वन विश्राम भवन की हालत दयनीय बनी हुई है.

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वहीं, गजा से महज 8 किलोमीटर दूर बांज, काफल, चीड़ के घने जंगल के साथ तमियार गांव में रमणिक जगह पर है. यहां पर आजकल पीएमजीएसवाई निर्माण कार्य करने वाले कंपनी का स्टाफ है. किसी जमाने में यहां गजा से टेलीफोन की लाइन की सुविधा थी. चीड़ के पेड़ों पर सफेद रंग के चूना मिट्टी के चमकीला रंग लगा हुआ है. 1989-90 दशक में विजेन्द्र सिंह थापा व उसके बाद आयुक्त सुरेन्द्र सिंह पांगती भी यहां पर रुके थे. लेकिन अब यह भवन लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है. यह खंडहर में तब्दील हो कर अंतिम सांसें गिन रहा है. इसके बावजूद शासन-प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है.

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