धनौल्टीः उत्तराखंड राज्य को बने 20 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी कई गांवों में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. इसकी एक बानगी धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के थत्यूड़ में देखने को मिल रही है. जहां थत्यूड़ से कुछ ही दूरी पर डुंडा और नकुर्ची गांव के लोगों को आज तक सड़क नसीब नहीं हो पाई है. ऐसा भी नहीं है कि सड़क की स्वीकृति नहीं मिली हो. बाकायदा सड़क कटिंग भी शुरू हुई, लेकिन 13 साल बीत गए सड़क मात्र 2 किमी तक ही बन पाई.
दरअसल, धनौल्टी विधानसभा सीट के विकासखंड जौनपुर के थत्यूड़ से कुछ ही दूरी पर डुंडा और नकुर्ची गांव हैं. यहां ग्रामीण आजादी के बाद से ही सड़क की बाट जोह रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ नेताओं के कोरे आश्वासन ही मिलते रहे हैं. कई कोशिशों के बाद बिलौंदीपुल-डुंडा मोटरमार्ग की कटिंग शुरू हुई. 2 किमी के कटिंग के बाद नेता और जिम्मेदार सड़क निर्माण ही भूल गए हैं.
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ग्रामीण प्रताप गुसाईं ने बताया कि बिलौंदीपुल-डुंडा-नकुर्ची मोटरमार्ग की स्वीकृति धनौल्टी के पहले निर्वाचित विधायक कौलदास के कार्यकाल में मिली थी. इसका निर्माण कार्य साल 2008 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक महज दो किलोमीटर तक ही सड़क का निर्माण हो पाया है. तब से लेकर आज तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
कई विधायक बदले लेकिन नहीं पहुंची सड़कः ग्रामीण लगातार सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका सड़क का सपना पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में ग्रामीणों को पैदल ही लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. उनका कहना है कि अभी तक कई विधायक बदल चुके हैं, लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली. न ही सड़क निर्माण की जहमत उठाई. जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है. अभी तक कौलदास, खजानदास, महावीर रांगड़ और प्रीतम पंवार विधायक बन चुके हैं, लेकिन सड़क निर्माण लंबित है.
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क्या बोले अधिकारी? मामले में लोनिवि के जेई शूरवीर तोमर का कहना है कि बिलौंदी-डुंडा मोटर मार्ग का काम अभी रुका हुआ है. सड़क की आधी कटिंग हो चुकी है. ग्रामीणों के विवाद के चलते बीच के हिस्से में कार्य नहीं हो पा रहा है. जिसकी सूचना जिलाधिकारी टिहरी को दे दी गई है.