टिहरी:जिले के डॉक्टर अमित चौहान ने द्रौपदी का डांडा की चढ़ाई सफलतापूर्व की है. डॉ अमित चौहान ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से एडवांस पर्वतारोहण कोर्स करने के बाद बीते दिवस डीकेडी (द्रौपदी का डांडा) पर्वत शिखर के एडवांस बेस कैंप की कठिन चढ़ाई को साथियों के साथ सफलतापूर्वक पार किया है.
डॉक्टर अमित चौहान ने फतह की द्रौपदी का डांडा चोटी, अब माउंट एवरेस्ट है लक्ष्य - Gangotri Range of the Garhwal Himalayas
द्रौपदी का डांडा भारत के उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय की गंगोत्री श्रेणी की चोटी है. 15 हजार फीट से ज्यादा ऊंची इस चोटी पर आरोहण हमेशा चुनौती भरा रहा है. इसे चढ़ने के दौरान कई पर्वतारोही जान तक गंवा चुके हैं. टिहरी के डॉक्टर अमित चौहान ने इसी द्रौपदी का डांडा पर सफल आरोहण किया है.
द्रौपदी का डांडा पर चढ़े डॉ अमित चौहान: यह चोटी समुद्र तल से 15,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. युवा पर्वतारोही चौहान ने इसके अतिरिक्त हुर्रा टॉप शिखर की चढ़ाई को भी चढ़ा है. जिला पंचायत सदस्य बागी-सारज्यूला हितेश चौहान ने बताया कि डॉ चौहान में बचपन से ही प्रकृति प्रेम के लिए गहरा लगाव रहा है. 2022 में गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान से पर्यावरण विज्ञान में उन्हें पीएचडी की उपाधि हासिल हुई. पर्यावरण संबंधित उनके 22 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं. बताया कि अब उनका लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने का है. इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है. बताया कि टिहरी पहुंचने पर ग्राम पंचायत की ओर से उनका स्वागत किया जाएगा.
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डॉक्टर अमित चौहान ने क्या कहा: डॉक्टर अमित चौहान के द्वारा द्रौपदी का डंडा की चढ़ाई साथियों के साथ की गई. अपने अनुभव बताते हुए कहा कि जीवन में अगर लक्ष्य तय कर लिया है तो मंजिल मिल ही जाती है. बस उसके लिए लगन की आवश्यकता है. मैंने बहुत पहले से ही मन में ठानी थी कि द्रौपदी का डांडा चढ़ जाऊंगा. वह मुकाम भी आज हासिल कर लिया. डॉ अमित चौहान की इस सफलता से टिहरी जनपद वासियों में खुशी की लहर है. हर कोई बधाई देने में लगा है.