टिहरी:प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के बनकुंडाली गांव में गुरुवार को पानी को लेकर जमकर घमासान हुआ. इस दौरान नौबत मारपीट तक पहुंच गई. लेकिन गांव के बड़े-बुजुर्गों ने जैसे-तैसे मामला शांत करा दिया है. पूरा विवाद पानी की पाइन लाइन को लेकर हुआ था. वहीं, ग्राम पंचायत भरपूर स्यालगी में ग्रामीणों ने जलकुर नदी में हो रहे खनन का विरोध किया.
पानी पर हुआ विवाद: राजस्व ग्राम बनकुंडाली स्थित घांट्य नामे तोक से पानी को लाइन के माध्यम से बगैर ग्राम पंचायत की अनुमति के 3 किमी दूर गढ़-सिनवाल गांव ले जाने पर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया. इस तोक से बनकुंडाली के अलावा भरपूरिया गांव और पुजार गांव के ग्रामीणों की सिंचाई भी होती है. विरोध स्वरूप तीनों गांव के लोगों ने कार्य स्थल पर जाकर विरोध दर्ज किया.
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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तुरंत इस पर रोक न लगी तो वे बेमियादी आंदोलन शुरू करने को बाध्य हो जाएंगे. गुरूवार को प्रतापनगर ब्लॉक की भदूरा पट्टी के ग्राम पंचायत सौड़-बनकुंडाली, पुजारगांव और भरपूरिया गांव के लोगों ने घांट्य तोक पहुंचकर बगैर एनओसी के पानी को 3 किमी दूर गढ़-सिनवाल गांव ले जाने पर आपत्ति जताई.
सौड़ की प्रधान प्रियंका का कहना है कि लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी गांव लौटे हैं. वह अपने खेतों में कृषि कार्य शुरू कर रहे हैं. यहां के पानी से भरपूरिया और पुजार गांव के खेतों की सिंचाई होती है. साथ ही पानी की भी वैकल्पिक व्यवस्था का एकमात्र स्रोत है, लेकिन गढ़-सिनवाल गांव के लोगों ने तीनों गांव के लोगों को पेयजल योजना बनाने के बारे में पूछा तक नहीं. जबकि उनके गांव के पास बड़ी मात्रा में भदूरा गाड़ का पानी है. जबरन उनका पानी ले जाया गया तो वह आंदोलन शुरू करेंगे. इस बाबत तहसीलदार शंभू प्रसाद ममगाईं का कहना है कि तीन गांव के लोगों का वहां पर विरोध है. राजस्व उपनिरीक्षक की रिपोर्ट आने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. विवाद का समाधान किया जाएगा.
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खनन का विरोध: वहीं, प्रतापनगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत भरपूर-स्यालगी के ग्रामीणों ने जलकुर नदी में हो रहे खनन पर आक्रोश जताते हुए डीएम से शिकायत की. उनका कहना है कि नदी में खनन करने से गांव के कई आवासीय भवन खतरे की जद में आ जाएंगे. इससे खेती और सिंचाई नहर भी क्षतिग्रस्त हो जाएंगी. जल्द खनन नहीं रोका तो वह कलेक्ट्रेट पर ही बेमियादी आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे.