टिहरी:जनपद में टिहरी बांध को लेकर लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. बांध प्रभावित उनियाल गांव, खाण्ड, भंगर, सरोट, नौगांव, रमोलगांव आदि गांवों के स्कूली बच्चों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, टिहरी झील बनने के बाद पुनर्वास निति के अनुसार पुनर्वास खण्ड के द्वारा स्कूली बच्चों के लिए निशुल्क स्कूल बसें संचालित की रही थी. 1 जुलाई 2019 से टीएचडीसी से मिलने वाले बजट की मंजूरी न मिलने पर पुनर्वास खण्ड द्वारा बसे बन्द कर दी गई हैं. बस सेवा बन्द होने की समस्या को बांध प्रभावित स्कूली बच्चों ने जिलाधिकारी टिहरी के सामने पेश किया.
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जिलाधिकारी से टिहरी के बच्चों को शीघ्र समस्या के सामाधान का भरोसा मिला था. लंबा समय बीत जाने के बाद भी स्कूल बस सेवा शुरू न होने से स्कूली बच्चों को कभी ट्रक में चढ़कर तो कभी दूसरी बसों में जाना पड़ता है. बच्चों को घर जाने के लिए अन्य वाहनों का घंटों इंतजार करना पड़ता है. इससे बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते. कभी कभी तो घर आने के लिए स्कूली बच्चे चालक के मना करने पर भी जबरदस्ती मजबूरी में चढ़ जाते हैं. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
टिहरी बांध की समस्या से स्कूली बच्चों को है आवागमन में परेशानी. यह भी पढ़ें:उत्तराखंड में रोजना सड़क हादसे में होती है 4 लोगों की मौत, अब RTO उठाने जा रहा ये बड़ा कदम
इस संबंध में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव कुमाई ने बताया कि बच्चों की इस समस्या को लेकर कई बार टीएचडीसी, पुनर्वास विभाग व प्रशाशन से वार्ता की है, लेकिन इस समस्या पर अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. अगर इस सम्बंध में शीघ्र कोई समाधान नहीं होता तो जल्द ही बांध प्रभावित लोग आन्दोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.