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टिहरी में चेक बाउंस होने का एक और मामला आया सामने, अभियुक्त को 6 माह की सजा के साथ 6 लाख 20 हजार का जुर्माना

Check bounce case टिहरी में चेक बाउंस होने का एक और मामला सामने आया है. इस बार प्लॉट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी की गई. खरीदार से पैसे तो ले लिए गए, लेकिन प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की गई. अभियुक्त को कोर्ट ने 6 माह की जेल और 6 लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया है. Jail in check bounce case

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 7, 2023, 11:52 AM IST

Check bounce case
टिहरी अपराध समाचार

टिहरी:अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/अपर सीनियर सिविल जज आफिया मतीन की अदालत ने चेक बाउंस के मामले में अभियुक्त को 6 माह साधारण कारावास की सजा और 6 लाख 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है. इस धनराशि में कोर्ट ने 6.15 लाख रुपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को देने और 5 हजार रुपये राजकोष में जमा कराने के आदेश दिए हैं. अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर अभियुक्त को 2 माह और समय जेल में बिताना होगा.

ये था पूरा मामला: परिवादी श्रीचंद निवासी मॉडल हाउस सेक्टर 3 नई टिहरी के अधिक्ता सोहन सिंह रावत ने बताया कि ऋषि लोक कॉलोनी ऋषिकेश निवासी सुलोचना बोरा उर्फ शालू की परिवादी से अच्छी जान-पहचान थी. अभियुक्त ने जौलीग्रांट में 100 गज का प्लॉट 3 दिसंबर 2018 को बेचकर 6 लाख रुपये बयाने के रूप में लिए और शेष 50 हजार की धनराशि रजिस्ट्री के समय तीन माह बाद देने की बात हुई.

प्लॉट की रजिस्ट्री भी नहीं हुई, 6 लाख रुपए भी लिए: अभियुक्त ने गारंटी के तौर पर श्रीचंद को तीन ब्लैंक चेक भी दिए. तीन माह का समय बीतने पर भी जब परिवादी को प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की गई, तो परिवादी ने बयाने के तौर दिए 6 लाख रुपये वापस मांगे. लेकिन अभियुक्त टाल-मटोल करती रही. थक हारकर श्रीचंद ने 15 जुलाई 2019 को 6 लाख रुपये का चेक अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए लगाया. लेकिन अभियुक्त के खाते में पर्याप्त धनराशि न होने पर चेक बाउंस गया. इसके बाद 29 सितंबर 2109 को अभियुक्त को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा.

चेक बाउंस होने पर 6 महीने की जेल और जुर्माना: बावजूद इसके उसने भुगतान नहीं किया. जिसके बाद 17 अक्टूबर 2019 को एसीजेएम कोर्ट में केस दर्ज किया गया. अधिवक्ता सोहन सिंह रावत ने मामले में मूल चेक, जमा पर्ची सहित कई कागजी दस्तावेज प्रस्तुत कर कोर्ट से धनराशि वापस दिलाने की अपील की. इस मामले में कोर्ट में बहस हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/अपर सीनियर सिविल जज आफिया मतीन की कोर्ट ने अभियुक्त सुलोचना को सजा सुनाई है.
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