धनौल्टी: टिहरी झील के किनारे भूस्खलन होने से आवासीय भवनों की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं. उधर, झील से सटे सरोट गाँव के कुछ मकानों में भी दरारें आ गई हैं. ऐसे में ग्रामीणों में डर का माहौल व्याप्त है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मामले को पुनर्वास विभाग के अधिकारियों के समक्ष कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी हर बार मामले की जांच का आश्वासन देते हैं, लेकिन बाद में कोई सुधि नहीं लेते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को जमीन के बदले जमीन दे दी गई है. लेकिन आवसीय भवनों के भुगतान अभी भी अधर में लटके हुए हैं, जिससे टिहरी बांध के निर्माण के लिए अपनी जमीनें सरकार को दे चुके ग्रामीणों को उनका पैसा न मिलने की चिंता सताने लगी है. पीड़ित लोगों का कहना है कि आखिर जब बांध प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन दे दी गई है, तो मकानों का भुगतान को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई क्यों नही हुई.