देहरादून: भारत के सबसे लंबे सिंगल संस्पेंशन डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने लगी है. जबकि पिछले साल 8 नबंवर को पुल का उद्घाटन हुआ था. उस समय भी इन पर दरार पड़ी थी. आनन-फानन में कंपनी ने मास्टिक को ठीक करवाया था. एक बार फिर से पुल पर कई जगहों पर मास्टिक में दरार पड़ गई है. इससे निर्माणदायी गुप्ता कंपनी की घटिया कार्यप्रणाली सबके सामने उजागर हो गई.
टिहरी झील के ऊपर बने देश के सबसे लंबे सिंगल लेन डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने से जनता में आक्रोश है. लोग निर्माणदायी गुप्ता कंपनी पर सवाल खड़े करने लगे हैं. साथ ही कंपनी के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं. प्रतापनगर के लोगों ने मांग की है कि गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए.
आपको बता दें कि डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2005 में शुरू किया गया था. इसे बनने में 10 साल से ज्यादा का समय लगा. 8 नवंबर 2020 को इसका उद्घाटन किया गया. अभी पुल के उद्घाटन को एक साल का वक्त भी नहीं हुआ कि मास्टिक के जोड़ खुलने के साथ उसमें दरार पड़ने लग गई हैं. जिससे कंपनी की लापरवाही सामने देखने को मिली है.
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि प्रतापनगर की जनता की सुरक्षा को देखते हुए कंपनी और सरकार द्वारा आजतक इस पुल की थर्ड पार्टी से जांच नहीं करवाई गई. जैसे दिल्ली की मेट्रो लाइन की थर्ड पार्टी से जांच कराई जाती है. रिपोर्ट आने के बाद मेट्रो का संचालन किया जाता है, लेकिन डोबरा चांठी पुल के ऊपर बिना थर्ड पार्टी से जांच करवाए वाहनों के लिए खोल दिया गया.