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सीएम से पहले 'सपनों के पुल' का कांग्रेसियों ने किया उद्घाटन - Congress inaugurated Dobra Chanthi Bridge bridge

डोबरा-चांठी पुल पर आवाजाही की मांग को लेकर कांग्रेसियों ने जबरन पुल का गेट तोड़ा और उद्घाटन करते पुल पर पैदल मार्च किया.

Dobra Chanthi Bridge in Tehri
डोबरा-चांठी पुल का कांग्रेसियों ने किया उद्घाटन!

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Published : Oct 2, 2020, 5:40 PM IST

Updated : Oct 2, 2020, 6:58 PM IST

टिहरी: उत्तराखंड में टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा सिंगल लेन डोबरा-चांठी झूला पुल बनकर तैयार है. इस पुल के निर्माण का सपना 14 साल के लंबे इंतजार के बाद साकार हो सका और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जल्द ही इसका लोकार्पण करेंगे.

लेकिन, इससे पहले ही डोबरा-चांठी पुल पर आवागमन की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेसियों ने डोबरा पुल का गेट खोलने की मांग की. लेकिन, जब पीडब्ल्यूडी ने गेट नहीं खोला तो उन्होंने गेट को तोड़ दिया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कांग्रेसियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने एक न सुनी.

पुल पर पैदल मार्च करते कांग्रेसी.

14 साल में बनकर तैयार हुआ टिहरी के 'सपनों के पुल' पर अभी लोड टेस्टिंग चल रहा है. लेकिन, कांग्रेसी इसके बिना ही आवाजाही की मांग कर रहे हैं. कांग्रेसियों का कहना है कि आवागमन शुरू न होने के कारण प्रताप नगर के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सरकार जल्द से जल्द इसपर फैसला ले. कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय का कहना है कि आज हमने पुल का उद्घाटन कर दिया है. इस दौरान सरकार यदि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर कोई कार्रवाई करती है तो उसके परिणाम ठीक नहीं होंगे.

डोबरा-चांठी पुल का कांग्रेसियों ने किया उद्घाटन!

ये भी पढ़ें:डोबरा चांठी पुल पर जल्द शुरू होगी आवाजाही, फाइनल लोड टेस्टिंग का इंतजार

प्रतापनगर, लंबगांव और धौंतरी में रहने वाली करीब तीन लाख से ज्यादा आबादी को टिहरी जिला मुख्यालय तक आने के लिए पहले 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. इस पुल के शुरू होने के बाद अब यह दूरी घटकर आधी रह जाएगी. पहले जो सफर पांच घंटे में होता था. अब दो घंटे में ही लोग नई टिहरी जिला मुख्यालय से प्रताप नगर जा सकेंगे.

14 साल तक करना पड़ा इंतजार

इस पुल के निर्माण का सपना 14 साल लंबे इंतजार के बाद साकार हो सका. इस पुल का निर्माण साल 2006 में शुरू हुआ था, जिसके बाद कई कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए थे. साल 2016 में दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने इस पुल के निर्माण का जिम्मा उठाया और चार साल में पुल बनाकर तैयार कर दिया. इस पुल के निर्माण पर तीन अरब रुपये खर्च हुए हैं. इस पुल की क्षमता 16 टन भार सहन करने की है और उम्र 100 साल होने का दावा किया जा रहा है. इस पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर और फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.

Last Updated : Oct 2, 2020, 6:58 PM IST

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