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ऐसे कैसे शुरू होगी चारधाम यात्रा: धूल भरी सड़कें, रास्तों में गड्ढे

चारधाम यात्रा अगले महीने के शुरुआती हफ्ते से शुरू होने वाली है. लेकिन, चारधाम मार्ग की हालत इतनी खस्ता है कि आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि इसका प्रमुख कारण कार्य को गंभीरता से न लेना रहा है.

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Published : Apr 24, 2019, 8:58 AM IST

Updated : Apr 24, 2019, 9:28 AM IST

चारधाम मार्ग पर लगा बोर्ड.

टिहरी:चारधाम यात्रा मई माह में शुरू होने जा रही है. लेकिन, ऑल वेदर रोड का काम कर रहे ठेकेदारों की लापरवाही के कारण अबतक चारधाम यात्रा की सड़कों का काम पूरा नहीं हो पाया है. इस वजह से धामों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच ऋषिकेश से चंबा के अंतर्गत ऑलवेदर रोड के तहत बनाई जा रही सड़कों का हाल जाना. इस दौरान सड़कों का अधूरा काम और मानकों की अनदेखी सामने आई, जिसका कारण ठेकेदारों की लापरवाही रही. दरअसल, जिला प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए जिससे आने जाने वाले यात्रियों को धूल का सामना ना करना पड़े. लेकिन, सड़कों पर पानी नहीं डाला जा रहा, जिससे वाहनों के सड़कों पर चलने की वजह से इलाका धूल से भर जाता है.

चारधाम मार्ग के खस्ता हालात.

वहीं, कार्य के दौरान गिरने वाले बोल्डर और पत्थरों को तुरंत मार्ग से हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं. लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है, जिस वजह से कई घंटों जाम लगा रहता है. जाम की स्थिति पैदा होने पर ठेकेदारों को आदेश है कि इसे 10 मिनट के अंदर क्लियर किया जाए, लेकिन किसी भी आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. ठेकेदारों की मनमानी और गुणवत्ता के साथ समझौते की वजह से सड़कों के हाल ऐसे हो गए हैं कि कभी भी दुर्घटना हो सकती है. सड़कों में जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं, जिस वजह से कई बार इस इलाके में कई बस दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी हैं.

धूल भरा चारधाम यात्रा मार्ग.

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं. उनकी मनमर्जी की ही नतीजा है कि सड़क के मलबे को डम्पिंग जोन में डाला जा रहा है. वहीं, जिला अस्पताल के डॉक्टर अमित राय ने बताया कि धूल ही सब बीमारी की जड़ है. धूल से खांसी, ब्रोंकाइटिस, दमा और आंखों से संबंधित बीमारियां होती हैं. इसलिए सरकार को ठकेदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही की ओर ध्यान देना चाहिए और मामला का संज्ञान लेते हुए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए.

सड़क निर्माण के दौरान उड़ती धूल.

बता दें कि 7 मई को गंगोत्री- यमुनोत्री के कपाट, 9 मई को केदारनाथ के और 10 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलने वाले हैं. चारों धामों के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. लेकिन, पूरे देश में फिलहाल आचार संहिता लगी हुई है. इस वजह से सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया जा सकता. ऐसे में कैसे चारधाम यात्रा शुरू सुचारू रूप से चलेगी ये सोचने वाली बात है.

Last Updated : Apr 24, 2019, 9:28 AM IST

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