टिहरी: नए साल के पहले दिन ही टिहरी झील पर नाव का संचालन बंद हो गया है. जिस कारण प्रतापनगर समेत आसपास के गांव के सैकड़ों लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इन नावों के बंद होने से ग्रामीणों को अब जिला मुख्यालय आने के लिए अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी.
दरअसल, 2005 में टिहरी झील बनने से पहले प्रतापनगर आने-जाने के लिए भागीरथी और भिलंगना नदी के ऊपर 17 पुल बने हुए थे, लेकिन झील बनने के बाद यह 17 पुल झील में डूब गए. उसके बाद से प्रतापनगर की जनता को आने-जाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था.
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इसके बाद लोगों की मांग को देखते हुए उत्तराखंड सरकार और टिहरी जिला प्रशासन ने प्रताप नगर की जनता के लिए 12 स्थानों पर नाव लगाई थी. लेकिन बीते नौ महीने से प्रशासन ने नाव संचालकों का भुगतान नहीं किया. नाव संचालक इस बारे में कई बार संबंधित अधिकारियों से भी मिल चुके हैं, लेकिन किसी ने भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में भुगतान न होने के कारण एक जनवरी 2020 से संचालकों ने नाव का संचालन बंद कर दिया, जिस वजह से अब प्रतापनगर के लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
जब इस बारे में टिहरी के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रोहिला से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि टिहरी बांध परियोजना के द्वारा पुनर्वास विभाग को नाव का पैसा दिया जाता है, लेकिन टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों ने काफी समय से पुनर्वास विभाग को नाव संचालकों का पैसा नहीं दिया है. जिसके लिए टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों के साथ वार्ता चल रही है. जल्द ही इस मामले को निपटा दिया जाएगा.