टिहरी:जिले के भागीरथी पुरम में बना उत्तर भारत का एकमात्र हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. मैथ के एक टीचर ने कॉलेज के निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि कॉलेज के निदेशक द्वारा नियमों को ताक पर रख कर काम किया जा रहा है.
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हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में मैथ टीचर डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर द्वारा नियमों विरुद्ध कार्य किया जा रहा है. उनके द्वारा संविदा गेस्ट टीचरों को फैकल्टी का इंचार्ज बनाया गया है. जबकि स्थाई टीचरों को कोई कार्यभार नहीं दिया गया है. साथ ही इस कॉलेज में काम करने वाले स्थाई टीचरों को संविदा गेस्ट टीचरों के अंडर रहकर काम करना पड़ रहा है. जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है.
अरविंद कुमार ने ये भी आरोप लगाया है कि इस कॉलेज में स्थाई नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए हैं. उन आवेदक की लिस्ट फाइनल करने वाले भी यहीं पर काम करने वाले गेस्ट टीचर ही हैं. उन्होंने कॉलेज की इस कार्यप्रणाली को फर्जीवाड़ा करार किया है. उन्होंने इसकी शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व निर्वाचन विभाग से की है.
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल वहीं, इस कॉलेज में पांच साल से गेस्ट टीचर के पद पर काम करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रांत कुमार का कहना है कि कॉलेज में स्थाई नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे. जिसके लिए उन्होंने भी आवेदन किया है. उनकी नियुक्ति हो जाएगी.
हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक जीएस तोमर ने खुद पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस कॉलेज में आधे से ज्यादा गेस्ट टीचरों के द्वारा पढ़ाया जा रहा है. इसका मुख्य कारण ये है कि अबतक यहां पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है. पिछले साल विज्ञप्ति के लिए प्रकिया शुरू की गई थी. जिसके लिए आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण देरी हो रही है. आचार संहिता के बाद स्थाई नियुक्तियां की जाएंगी. जिससे इस संस्थान अपने स्वरूप में आ जायेगा और आने वाले सत्र में स्थाई टीचर काम करने लगेंगे.