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प्रशासन की कार्रवाई का शिवपुरी के लोगों ने किया विरोध, विस्थापन की मांग

टिहरी शिवपुरी में रेलवे स्टेशन निर्माण गतिमान है और प्रशासन ने लाइन की जद में आने वाले कई लोगों के मकानों को ध्वस्त कर दिया, जिससे लोगों में खासा रोष है.

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प्रशासन की कार्रवाई का शिवपुरी के लोगों ने किया विरोध

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Published : Oct 2, 2021, 8:28 AM IST

Updated : Oct 2, 2021, 12:38 PM IST

टिहरी: ऋषिकेश से 15 किलोमीटर आगे शिवपुरी में रेलवे स्टेशन निर्माण गतिमान है. यहां पर आधे दर्जन से अधिक लोगों के मकान रेलवे लाइन निर्माण की जद में आ गए हैं. नोटिस देने के बाद प्रभावितों ने जब अपने आवास नहीं छोड़ने पर बृहस्पतिवार को स्थानीय प्रशासन, रेलवे अधिकारी और पुलिस बल की मौजूदगी में 7 से 10 आवासीय मकानों को जेसीबी लगाकर ध्वस्त किया. जिसको लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. शिवपुरी में सभी परिवार अनुसूचित जाति के हैं.

प्रभावितों ने आरोप लगाया कि आवासीय मकानों के अंदर से उन्हें सामान तक उठाने का मौका नहीं दिया गया और सभी कुछ मकान के ध्वस्तीकरण में बर्बाद कर दिया गया. गुस्साए प्रभावितों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध जताया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. घटना की सूचना लगते ही क्षेत्र के पूर्व विधायक मौके पर पहुंचे. उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से दूरभाष पर वार्ता की और प्रभावितों की समस्याओं को हल करने की बात कही.

प्रशासन की कार्रवाई का शिवपुरी के लोगों ने किया विरोध.

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पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत का कहना है कि जब तक प्रभावितों का मामला नहीं सुलझता वो भी चैन से नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि प्रभावितों को न्याय दिलाने में कोई कोर कसर भी नहीं छोड़ी जाएगा, प्रभावितों के रात में रहने के लिए लगाए गए टैटों की व्यवस्था करने तक पूर्व विधायक मौके पर ही डटे रहे. प्रभावितों का आरोप है कि साल 2012-13 में जब रेलवे लाइन का सर्वे किया जा रहा था तो उन्होंने आवासीय बस्ती से बाहर रेलवे लाइन निर्माण का सुझाव दिया था, मगर उनकी एक नहीं सुनी गई.

प्रभावितों ने भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण देहरादून में साल 2016 में मुकदमा दर्ज किया था, साल 2018 में निर्णय प्रभावितों के पक्ष में आया, मगर रेलवे विभाग ने हाईकोर्ट नैनीताल में अपील दायर कर दी, मामला अभी भी न्यायालय में पेंडिंग पड़ा हुआ है. प्रशासन ने माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार न करते हुए प्रभावितों को नोटिस थमा दिए और आवासीय भवनों पर जेसीबी मशीन चला दिया.

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प्रभावितों का कहना है कि उनके खातों में जबरदस्ती मुआवजे की रकम डाली जा रही है. साथ ही प्रभावितों ने विस्थापित या मकान के बदले में मकान बनाकर और भूमि के बदले भूमि दिए जाने की मांग की. मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि कोर्ट का इस मामले पर किसी तरह का कोई स्टे नहीं है, नियमानुसार प्रभावितों को मुआवजे की धनराशि उनके खातों में डाल दी गई है. सभी कुछ कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है.

Last Updated : Oct 2, 2021, 12:38 PM IST

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