टिहरी: यह कहानी है, जिले के चंबा ब्लॉक के चोपडियाल गांव के मंगला नंद डबराल की. मंगला नंद डबराल कुवैत में ड्राइवर का काम करते थे लेकिन उनके मन में कही ना कही गांव लौटकर स्वरोजगार करने की कसक थी. लिहाजा मंगला ने कुवैत की नौकरी छोड़कर वापस गांव आ गए और कीवी की खेती करने लगे. मंगला नंद डबराल कीवी की खेती के साथ-साथ स्थानीय किसानों को कीवी जुड़े प्रशिक्षण देते हैं.
मंगला नंद डबराल के मुताबिक पिछले कई सालों से कीवी की खेती का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कई बार असफलता का मुंह देखना पड़ा. लेकिन कई असफल प्रयासों के बाद आज मंगला नंद डबराल के सफल किसान बन चुके हैं और एक साल में लाख रुपए तक कमा लेते हैं.
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बता दें कि, न्यूजीलैंड ने अपने यहां कीवी को उगाना शुरू और अपने राष्ट्रीय पक्षी के नाम पर इसका नाम कीवी रखा. जिसके बाद सबसे दुनिया के विभिन्न देशों ने कीवी को उगाना शुरू कर दिया. विटामिन सी से भरपूर कीवी में पर्याप्त एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते है. जो कई तरह के इंफेक्शन से सुरक्षित रखने में सहायक है. कीवी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक है. इसके नियमित सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है. दिल से जुड़ी कई बीमारियों में ये मुख्य रूप से फायदेमंद है. कीवी में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है. कीवी के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या में भी फायदा होता है और फाइबर की मौजूदगी से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है.