टिहरी/हरिद्वार:कोरोना वायरस को लेकर संपूर्ण भारत में लॉकडाउन किया गया है. जिसके चलते लॉकडाउन में जगह-जगह कई लोग फंसे हुए हैं. उत्तराखंड के 9 लोग कर्नाटक में रायचूर जनपद के सिंधनुर जगह में फंसे हुए हैं. जिनमें आठ रुद्रप्रयाग और एक टिहरी जिले का रहने वाला युवक है.
इन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अपील की है कि उनको घर वापस लाने की व्यवस्था की जाए. इन लोगों के लिए ना तो रहने की व्यवस्था है, और ना ही खाने के लिए खाना. यह लोग एक कमरे में रहकर गुजारा करने को मजबूर हैं.
उत्तराखंड के 9 लोग कर्नाटक में फंसे. उन्होंने बताया कि वह दो दिन से भूखे-प्यासे हैं. टिहरी के प्रतापनगर में गोदड़ी गांव के साहब सिंह भी फंसे हुए हैं, जिनकी तबीयत भी खराब है. इन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि कर्नाटक सरकार से बात करके युवाओं की मदद की जाए.
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वहीं, लॉकडाउन के कारण हरिद्वार में आए लगभग सैंकड़ों यात्री फंस गए हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने पहले जनता कर्फ्यू उसके बाद 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है. वहीं 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद यात्रियों को हरिद्वार से निकलने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तराखंड सरकार द्वारा लिया गया 31 मार्च तक का निर्णय उस समय उनके लिए बाधा बन गया.
उसके बाद भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन का फैसला ले लिया जो कि हरिद्वार में फंसे हुए यात्रियों के लिए मुसीबत बना हुआ है. हरिद्वार में फंसे यात्रियों का क्रोध जिला प्रशासन पर निकल रहा है. जिला प्रशासन द्वारा उन्हें कहीं जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. लॉक डाउन के चलते हजारों की संख्या में यात्री हरिद्वार में फंसे हुए हैं. जिसमें कई यात्री होटलों और धर्मशाला में फंसे हुए हैं. यात्रियों को खाने-पीने के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के कारण कई यात्री हरिद्वार में फंस गए थे. प्रशासन द्वारा व्यवस्था कराई जा रही है. कई लोगों को उनके घर के लिए भेज दिया गया है, लेकिन अभी भी कई यात्री हरिद्वार में ही हैं. जिनकी प्रशासन जल्द से जल्द व्यवस्था कराएगा.
हरिद्वार के जिलाधिकारी श्री रविशंकर का कहना है कि हरिद्वार में फंसे हुए यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था की गई है. प्रशासन यात्रियों के लिए उचित व्यवस्था बनाने में लगा हुआ है. साथ ही कहा कि उम्मीद है कि एक-दो दिन में सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक हो जाएगी.