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जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, दी आंदोलन की चेतावनी

बुधवार को प्रदेश के अलग -अलग जिलों में जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी भी दी.

Work boycott of General-OBC employees in Uttarakhand
जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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Published : Sep 9, 2020, 9:27 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 10:34 PM IST

चंपावत/रुद्रप्रयाग: जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने बुधवार को अलग-अलग जिलों में कार्य बहिष्कार किया. एसोसिएशन के कर्मचारियों ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के विरोध में जमकर नारेबाजी की. चंपावत में कर्मचारियों ने सरकार की इस कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी दी. वहीं, रुद्रप्रयाग में भी कर्मचारी व अधिकारियों ने हस्ताक्षर के बाद कार्य बहिष्कार करते हुए अपने-अपने कार्यालयों पर धरना दिया.

चंपावत में कर्मचारियों की चेतावनी

चंपावत में जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर कलक्ट्रेट में नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. इस मौके पर हुई सभा में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि विभिन्न आंदोलनों में पदाधिकारियों की ओर से सरकार के खिलाफ विभिन्न तरह के बयान दिए गए हैं. मगर आज तक किसी भी पदाधिकारी के खिलाफ ऐसी जांच नहीं की गई. वर्तमान सरकार मार्च महीने से ही किसी व्यक्ति विशेष पर जिस तरह से आरोप लगाती आ रही है वह घोर आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा अगर सरकार की ओर से की जा रही उत्पीडन की कार्रवाई जारी रही तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा.

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रुद्रप्रयाग में भी कार्य बहिष्कार

रुद्रप्रयाग में भी कर्मचारियों में इसे लेकर आक्रोश देखा गया. कर्मचारियों ने प्रान्तीय नेतृत्व के आह्वान पर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करते हुए जांच को तुरंत वापस लेने की मांग की. साथ ही स्पष्ट किया कि जांच वापस नहीं ली गई तो कार्मिकों को बडे़ आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. बुधवार को सामान्य, ओबीसी वर्ग के कार्मिक, इंजीनियर, शिक्षक व अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में हस्ताक्षर के बाद कार्य बहिष्कार कर धरना दिया.

रुद्रप्रयाग में भी कार्य बहिष्कार .

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कर्मचारियों ने कहा कि जब तक प्रांतीय अध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच वापस नहीं ली जाती, तब तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में भी कार्मिक सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेंगे. इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को लाठी-डंडों के बल पर दबाना चाहती है. यह पहला मौका है, जब कार्मिकों की बात सरकार के सम्मुख रखने पर उनके नेतृत्व को डराया जा रहा है.

Last Updated : Sep 9, 2020, 10:34 PM IST

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