उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

मकानों में दरारें पड़ने पर महिलाओं ने रोका रेल परियोजना का कार्य, निर्माण कंपनी पर लगाया ये आरोप

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियाजना के तहत सुरंगों का निर्माण किया जा रहा. जिसके लिए सुरंगों में विस्फोट किया जा रहा है. जिसके चलते नरकोटा गांव में आवासीय भवनों पर दरारें पड़ गई है. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रेल परियोजना का कार्य रोक दिया. साथ ही मेघा कंपनी के अधिकारियों को चेतावनी भी दी.

Women stopped rail project work
महिलाओं ने रोका रेल परियोजना का कार्य

By

Published : May 19, 2022, 6:12 PM IST

रुद्रप्रयागःऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियाजना प्रभावित नरकोटा गांव की महिलाओं का आक्रोश रेल विकास निगम पर फूट पड़ा है. टनलों के भीतर भयानक डायनामाइट विस्फोटों से आवासीय भवनों को भारी क्षति पहुंचने से परेशान ग्रामीणों ने रेल परियोजना का कार्य रोक दिया. भारी संख्या में पहुंची महिलाओं ने आरबीएनएल के अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई. साथ उन्होंने कहा कि मेघा कंपनी उड़ीसा, हैदराबाद समेत अन्य प्रदेशों से लोगों को लाकर रोजगार दे रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

दरअसल, गुरुवार को नरकोटा गांव की महिलाएं भारी संख्या में टनल निर्माण स्थल पर पहुंची और कार्य रोक दिया. ग्रामीण महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके भवन विस्फोटों से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और आरबीएनएल गलत रिपोर्ट बनाकर गुमराह कर रहा है. जब से रेल परियोजना में विस्फोट शुरू हुए, तब से ही उनके भवनों पर दरारें पड़नी शुरू हो गई थी. प्रभावित गुड्डी देवी ने कहा कि पूर्व में एसडीएम गांव में आई थीं और उन्होंने मकानों की हालत देखी थी, लेकिन उसके बाद जो रिपोर्ट बनाई गई है, उसमें हकीकत नहीं है. बल्कि, ग्रामीणों के घावों पर नमक लगाने का काम किया गया है.

ये भी पढ़ेंःमरोड़ा गांव में भवनों में दरारे पड़ने से एक दर्जन लोगों ने छोड़े अपने आशियाने

ग्रामीण अनिता जोशी ने कहा कि अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आरबीएनएल के अधिकारी मुकदमे की धमकी दे रहे हैं, तो मुकदमा उनके खिलाफ भी होना चाहिए. प्राकृतिक गदेरों को डंपिंग जोन बना दिया गया है. गांव के सार्वजनिक रास्ते तोड़ दिए गए हैं. ग्राम पंचायत को प्रदूषण भत्ता व चारापत्ती का मुआवजा तक नहीं दिया गया है, जबकि धूल से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि मेघा कंपनी बाहरी प्रदेशों से अपने लोगों को लाकर रोजगार देकर फायदा पहुंचा रही है. इसका खामियाजा खामियाजा भुगतने के लिए भी कंपनी को तैयार रहना होगा.

ये भी पढ़ेंःरेलवे प्रभावितों की जगह बाहरी लोगों को रोजगार देने पर भड़के ग्रामीण, आंदोलन की दी चेतावनी

वहीं, ग्राम प्रधान चंद्रमोहन ने कहा कि जल्द जिलाधिकारी के सामने आरबीएनएल और ठेकेदार से वार्ता की जाएगी, जिसमें गांव के सभी महिलाएं और पुरुष मौजूद रहेंगे. अगर डीएम के समक्ष ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो ग्रामीण जनता आमरण अनशन करने के लिए मजबूर हो जाएगी. उन्होंने मेघा कंपनी को चेताते हुए कहा कि अपने लोगों को फायदा पहुंचाना बंद करें. चाहे वो नौकरी हो या फिर ठेकेदार. यदि तानाशाही की गई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details