रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लाॅकडाउन से रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इससे उबरने के लिए जहां सरकार अभी तक कार्ययोजना बनाने तक ही सीमित है, वहीं जनपद रुद्रप्रयाग में सेवा इंटरनेशनल एक वर्ष पूर्व ही इस दिशा में कार्य प्रारम्भ कर चुकी है. संस्था ने हरेला प्रोजेक्ट के माध्यम से जनपद के दस गांवों की तीन सौ महिलाओं को विधिवत प्रशिक्षण देकर कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया है. आज ये महिलायें जैविक सब्जी उत्पादन के साथ ही जैविक कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकी से उत्पादन कर स्वावलम्बी बनने की ओर अग्रसर हैं.
अगस्त्यमुनि ब्लाॅक मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत हाट में सेवा इन्टरनेशनल द्वारा 20 नाली भूमि पर एक जैविक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई है. जिसमें काश्तकारों को नकदी फसलों और बे-मौसमी सब्जियों के उत्पादन से सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया जाता है. इसमें भूमि की तैयारी से लेकर बुवाई, कटाई, संसाधन, फसल सुरक्षा और बीज उत्पादन से लेकर गौमूत्र इत्यादि से जैविक दवाई बनाने के बारे में विस्तार से तकनीकी ज्ञान एवं प्रयोग के साथ समझाया जाता है.
इस प्रशिक्षण केन्द्र में न केवल प्रशिक्षण बल्कि जैविक सब्जियों का उत्पादन भी किया जाता है, जिसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. जनवरी 2019 में खुले इस प्रशिक्षण केन्द्र में अब तक जनपद के दस गांवों की तीन सौ महिलायें प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं. जबकि इस एक वर्ष में प्रशिक्षण केन्द्र लगभग एक लाख रुपये की सब्जियां बेच चुका है.