रुद्रप्रयाग: मुख्यालय स्थित गुलाबराय में पौराणिक जल धारे (Rudraprayag Gulabrai Water Source) से जब पानी निकला तो स्थानीय लोग खुशी से झूम उठे. स्थानीय लोगों ने इसे चमत्कार मानते हुए मां गढ़ देवी (Rudraprayag Maa Gadh Devi Temple) की कृपा बताया. रुद्रप्रयाग नगर में प्रवेश करने से पहले गुलाबराय में करीब सौ साल पुराना जल धारा बीते पांच महीने से बंद पड़ा था. रेलवे निर्माण (railway construction work) कार्य के चलते इस पारंपरिक जल स्रोत का पानी पूरी तरह सूख गया था, जिससे स्थानीय लोग निराश थे.
5 महीने पहले 100 साल पुराने जल स्रोत का पानी हो गया था बंद, फिर हुआ चमत्कार - natural water source in rudraprayag
मुख्यालय स्थित गुलाबराय में पौराणिक जल धारे (Rudraprayag Gulabrai Water Source) से जब पानी निकला तो स्थानीय लोग खुशी से झूम उठे. रेलवे निर्माण (railway construction work) के चलते इस पारंपरिक जल स्रोत का पानी पूरी तरह सूख गया था, जिससे स्थानीय लोग निराश थे. वहीं सोमवार को धारे पर अचानक पानी आ गया और लोग खुशी से झूम उठे.
![5 महीने पहले 100 साल पुराने जल स्रोत का पानी हो गया था बंद, फिर हुआ चमत्कार rudraprayag](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-15989360-thumbnail-3x2-pic-n.jpg)
मुख्य बाजार से करीब 3 किमी की दूरी पर गुलाबराय में पारम्परिक वर्षों पुराने जल स्रोत से ग्रीष्मकाल ही नहीं शीतकाल में भी बड़ी संख्या में लोगों को पानी की आपूर्ति होती रही है. विशेषकर गर्मियों में तो यहां दूर-दूर से लोग पानी भरने आते रहे हैं, मगर रेलवे निर्माण से इस पारम्परिक जल स्रोत (धारा) का अस्तित्व मिटने लगा.
पढ़ें- ताज्जुब है! कोई बोले तो इस तालाब में उठने लगते हैं बुलबुले, यकीन नहीं तो खुद देख लीजिएलोग इसके पुनर्जीवन की मांग करते रहे. हालांकि सोमवार को धारे पर अचानक पानी आ गया और लोग खुशी से झूम उठे, किंतु लोगों में यह भी डर है कि कहीं बरसात खत्म होने के बाद धारे का पानी फिर बंद न हो जाए, इसलिए इसके पुनर्जीवित को लेकर प्रशासन, जल संस्थान विभाग और रेलवे को गंभीर होना पड़ेगा. धारे पर पानी आते ही स्थानीय निवासी एवं नगर सभासद लक्ष्मण कप्रवान, संजय देवली, गौरव नैथानी, प्रवीन देवली, कैलाश देवली, सरस्वती देवी, लज्जावती देवी, सरस्वती देवी, तरुण पंवार, शैलेंद्र भारती आदि ने खुशी व्यक्त की है.