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उत्तराखंड: सीमांत गांवों के लोगों ने अपने इलाके की सीमाएं की सील, कोरोना नहीं ये है बड़ी वजह

रुद्रप्रयाग के सीमांत गांवों के ग्रामीणों ने गांवों की सीमा रेखाओं को सीलकर बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है ताकि हिमालयी क्षेत्रों में मानवीय हस्तक्षेप न हो.

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रुद्रप्रयाग

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Published : May 24, 2020, 10:13 PM IST

रुद्रप्रयाग:कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान सीमांत गांवों के ग्रामीणों ने गांव की सीमा रेखाओं को सील कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि पैदल मार्गो से हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाली जड़ी-बूटियों, वन्य जीवों के संकट और यहां के तीर्थ स्थलों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होने की संभावना है. इसलिए उन्होंने खुद ही सीमाओं को सील कर दिया है.

ऐसाी ही एक मामला 16 एवं 17 जून 2013 की आपदा के बाद देखे को मिला था. उस वक्त रुद्रप्रयाग प्रशासन ने केदारनाथ धाम को जोड़ने वाले पैदल मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से आवाजाही पर रोक लगा दी थी. इन दिनों समूचा देश लॉकडाउन 4.0 से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति में सीमांत गांवों के ग्रामीणों ने गांवों की सीमा रेखाओं को सीलकर आम आदमी की आवाजाही पर रोक लगा दी है, जिससे हिमालयी क्षेत्रों में मानवीय हस्तक्षेप न हो सके.

चैमासी गांव के प्रधान मुलायम सिंह तिंदोरी ने बताया कि चैमासी-केदारनाथ पैदल मार्ग पर मानवीय आवाजाही होने के कारण इन पैदल मार्गों को सील कर दिया गया है. साथ ही बाहर से आने वाले लोगों पर ग्रामीणों की ओर से पूरी तरह नजर रखी जा रही है.

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उन्होंने बताया कि सीमांत गांवों से कई पैदल मार्ग हिमालय के आंचल में बसे तीर्थ स्थलों को जाते हैं. जिससे हिमालयी क्षेत्रों में वन्य जीव तस्करी के मामले बढ़ सकते हैं. इसलिए सीमांत गांवों की सीमा रेखाओं को सील कर दिया गया है. उन्होंने अन्य सीमांत गांवों के ग्रामीणों से भी गांवों की सीमा को सीलकर बाहरी व्यक्तियों के आवागमन पर रोक लगा दी है.

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