रुद्रप्रयाग:ऊखीमठ में ग्राम पंचायत फांपज के सलामी तोक के ग्रामीण 56 सालों से जमीन को लेकर भटक रहे हैं. साल 1964 में कुंड-चोपता मोटरमार्ग निर्माण के दौरान ग्राम पंचायत भटवाड़ी के करेला तोक के पांच परिवारों को सलामी तोक में विस्थापित किया गया था. तब से ग्रामीणों के नाम पर जमीन दर्ज नहीं हो पाई है. जिस कारण ग्रामीण अनेक प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हैं और सालों से जमीन को लेकर भटक रहे हैं. अब ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. ग्रामीण अब 23 मार्च से सलामी तोक में आंदोलन शुरू करेंगे.
दरअसल, वर्ष 1962-64 में कुंड-चोपता मोटरमार्ग निर्माण के दौरान ग्राम पंचायत भटवाड़ी के करेला तोक के ग्रामीणों के घर एवं खेत मोटरमार्ग कटिंग में आ गए थे, जिसके बाद करेला तोक के पांच परिवारों को तहसील प्रशासन ने ग्राम पंचायत फापंज के सलामी तोक में विस्थापित कर दिया. विस्थापित परिवारों को करेला तोक की जमीन के बदले पचास नाली जमीन सलामी तोक में दी गई लेकिन तब से लेकर अब तक यह जमीन ग्रामीणों के नाम दर्ज नहीं हो पाई है. जबकि आज तोक में नौ परिवार हो गये हैंं.
ग्रामीणों का कहना है कि तहसील प्रशासन उनकी जमीन को वन विभाग की बता रहा है, जबकि वन विभाग का कहना है कि यह जमीन वन विभाग की नहीं है. ऐसे में ग्रामीण सालों से असंजस की स्थिति में हैं.