उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

रुद्रप्रयाग: चिरबिटिया में दो साल से बंद पड़ा ITI, ग्रामीणों ने किया क्रमिक अनशन - Chirbatia villagers did a gradual fast

रुद्रप्रयाग जिले के चिरबिटिया में दो साल से बंद आईटीआई को दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने क्रमिक-अनशन किया.

villagers protest regarding IT
ग्रामीणों ने किया क्रमिक अनशन

By

Published : Sep 18, 2021, 10:04 PM IST

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली की लस्या पट्टी के चिरबिटिया में पिछले दो साल से बंद पड़े राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को संचालित करने की मांग को लेकर स्थानीयों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. आंदोलनकारियों ने जल्द आईटीआई के शुरू न होने पर सांकेतिक चक्का जाम और भूख हड़ताल शुरू करने का भी निर्णय लिया है. वहीं, ग्रामीणों के आंदोलन को उत्तराखण्ड क्रांति दल ने समर्थन दिया है.

चिरबिटिया में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय लोगों ने क्रमिक-अनशन शुरू कर दिया है. पहले दिन क्रमिक-अनशन पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सैन सिंह मेहरा, जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल, प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा, पूर्व प्रधान प्रेम सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कमल सिंह बैठे.

आंदोलनकारियों ने कहा कि वर्ष 1992 में आईटीआई की स्थापना हुई थी. 29 सालों से स्थापित आईटीआई को 2019 में सरकार ने बंद कर दिया. जबकि आईटीआई के लिए स्थानीय लोगों ने लुठियाग-चिरबिटिया में करीब 20 नाली जमीन भी थी. संघर्ष समिति के अध्यक्ष सैन सिंह मेहरा ने कहा कि किराए के भवन पर ही आईटीआई संचालित हो रहा था. सरकार ने भवन न होने की बात कहकर आईटीआई को बंद कर दिया. जबकि चिन्हित जमीन पर भवन के लिए पैसा भी स्वीकृत हो गया था.

ये भी पढ़ें:खुशखबरीः उत्तराखंड में दूर होगी डॉक्टरों की कमी, इतने पदों पर हो रही भर्ती

जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल ने कहा नए भवन बनने तक वह अपना मकान निशुल्क देने के लिए तैयार हैं. प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा ने कहा लगातार शासन से पत्राचार के बावजूद आईटीआई शुरू नहीं किया गया. आखिरकार हमने आंदोलन का निर्णय लिया है. तत्कालीन यूपी सरकार में आईटीआई को स्वीकृत कराने में दिन-रात मेहनत की गई और आज उत्तराखंड सरकार व्यावसायिक संस्थानों को बंद करने पर तुली हुई है.

आंदोलनकारियों ने कहा आईटीआई का लाभ रुद्रप्रयाग के साथ ही टिहरी जनपद के युवाओं को मिल रहा था. यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद अधिकतर लोग आज देश और प्रदेश के विभिन्न कोनों में सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है. बिना आंदोलन के सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रहा. सरकार व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों को बंद कर यहां के युवाओं का भविष्य चौपट करना चाहती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details