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सिस्टम को जसोली के ग्रामीणों ने दिखाया आईना, फावड़ा उठा सड़क निर्माण में जुटे - Uttarakhand Kranti Dal

जसोली के ग्रामीण लंबे समय से जसोली-जीआईसी चमकोट मोटरमार्ग निर्माण की मांग कर रहे हैं. सिस्टम को गुहार लगा-लगाकर थक चुके ग्रामीण अब श्रमदान कर सड़क निर्माण कर रहे हैं.

Villagers of Jasoli
सिस्टम को जसोली के ग्रामीणों ने दिखाया आईना

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Published : Sep 25, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 4:53 PM IST

रुद्रप्रयाग: सिस्टम के आगे थक-हारकर रानीगढ़ क्षेत्र के जसोली गांव के ग्रामीणों ने कुदाल-फावड़ा उठाकर स्वयं ही जसोली-जीआईसी चमकोट मोटरमार्ग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं-पुरुष शामिल हैं. सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण चंदा भी एकत्रित कर रहे हैं.

ग्रामीण लंबे समय से करीब डेढ़ किमी जसोली-जीआईसी चमकोट मोटरमार्ग निर्माण की मांग कर रहे हैं. इस मोटरमार्ग के बनने से जसोली गांव की अनुसूचित जाति की बस्ती के साथ ही राजकीय इंटर कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र को भी जुड़ना है. सड़क के लिए स्थानीय लोग कई बार शासन-प्रशासन के चक्कर भी काट चुके हैं, लेकिन किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी. शासन-प्रशासन से निराश ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है. सड़क के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रमदान कर रहे हैं.

सिस्टम को जसोली के ग्रामीणों ने दिखाया आईना.

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वहीं, जसोली-जीआईसी चमकोट मोटरमार्ग निर्माण में श्रमदान कर रहे ग्रामीणों का उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता ने समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने भी श्रमदान किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के संघर्ष में वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इस सड़क से हमारी दलित बस्ती को जुड़ना है. सरकार दलितों के कल्याण के नाम पर सिर्फ ढोंग करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इस सड़क के न बनने से सरकार की दलितों-वंचितों के प्रति सोच भी स्पष्ट हो गई है.

ग्राम सभा जसोली की प्रधान अर्चना चमोली ने कहा कि हमने पूर्व में ही अल्टीमेटम दिया था कि सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण श्रमदान के जरिये सड़क का काम शुरू करेंगे. सरकार ने हमें गेंती-फावड़ा उठाने के लिये मजबूर किया है. इस सड़क को वन भूमि के नाम पर लटकाया जा रहा है. जबकि इसमें लोगों के नाप खेत हैं, वनभूमि कहीं भी नहीं है.

Last Updated : Sep 25, 2021, 4:53 PM IST

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