रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशक से पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली को दिल्ली में पर्यावरण श्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा. वन संरक्षण तथा पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में कार्य कर रहे पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी 'जंगली' को आगामी 22 जनवरी को विश्व स्तर पर पर्यावरण श्री पुरस्कार मिलेगा.
जगत सिंह जंगली को मिलेगा पर्यावरण श्री पुरस्कार: परिषद के संस्थापक प्रो गनेश चन्ना ने बताया कि विश्व पर्यावरण परिषद विगत कई वर्षो से विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रही है. संयुक्त राष्ट्र परिषद (यूनेस्को) के साथ कई पर्यावरणीय कार्यक्रमों में सहयोगी संस्था के रूप में भी कार्यरत है. चन्ना ने बताया कि इस वर्ष पुरस्कार के लिए परिषद ने उत्तराखंड से पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली को उनके द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में दिए गए वृहद योगदान के लिए चुना गया है. साथ ही देश भर से 6 लोगों को 22 जनवरी को पर्यावरण श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
पुरस्कार के लिए जंगली ने कहा धन्यवाद: वहीं पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली ने परिषद् का धन्यवाद ज्ञापित किया. जंगली ने कहा कि देश के पर्यावरणीय संरक्षण में हिमालय के पर्यावरण को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है. ताकि व्यापक स्तर पर पर्यावरण के क्षेत्र में और उल्लेखनीय कार्य हो सके. पर्यावरणविद ने कहा कि हिमालय देश का फेफड़ा है. अगर हिमालय स्वस्थ रहेगा तो पूरे देश को ऑक्सीजन रूपी प्राणवायु मिलती रहेगी. उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण में सभी लोगों की भूमिका को अहम बताया है.
जगत सिंह जंगली को पुरस्कार मिलने पर लोग खुश: पर्यावरणविद् जंगली के पर्यावरण श्री पुरस्कार के लिए चयनित होने पर विभिन्न संगठनों के साथ ही पर्यावरण प्रेमियों ने खुशी जताई है. विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, विधायक केदारनाथ शैलारानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, पर्यावरण प्रेमी सतेन्द्र भंडारी, गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरविंद दरमोड़ा ने खुशी जताई है.
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कौन हैं जगत सिंह जंगली:जगत सिंह चौधरी रिटायर्ड फौजी हैं. उन्होंने बीते 4 दशकों में अपनी तीन हेक्टेयर बंजर जमीन पर लाखों पेड़ लगाए हैं. उनकी इस कोशिश से पानी के सूख चुके स्रोत फिर से जिंदा हो गए. गांव की महिलाओं को जलावन और चारे के लिए दूसरी जगह नहीं जाना पड़ता है. जिन खेतों को कभी बंजर समझकर छोड़ दिया गया था, अब उनमें भी खेती होने लगी है. प्रकृति से प्यार करने वाले इस रिटायर्ड फौजी को लोग प्यार से जगत सिंह 'जंगली' नाम से बुलाते हैं. जगत सिंह साल 1967 में बीएसएफ में भर्ती हो गए थे. उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया.