रुद्रप्रयाग: पिछले 70 वर्षों से लस्या पट्टी की ग्राम सभा पालाकुराली के रैखाल तोक में आजीविका चला रहे एक परिवार को जमीन और मकान से बेदखल किये जाने का उत्तराखंड क्रांति दल ने विरोध किया है. उक्रांद के युवा नेता मोहित डिमरी ने रैखाल पहुंचकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का संकल्प लिया.
बता दें कि 70 साल पूर्व पालाकुराली गांव के गब्बर सिंह राणा ने आजीविका के लिए रैखाल नामक स्थान पर चाय-पानी की दुकान खोली थी. तब से पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार का रोजगार, यहां पर चल रहा है. यहां पर उन्होंने पूर्व में तीन कच्चे कमरे बनाये थे, जिनमें एक कमरा मवेशियों और दो कमरे अपने परिवार के लिए बनाए थे. साथ ही आजीविका के लिए एक छोटा सा ढाबा भी चलाते थे.
पिछले वर्ष वन विभाग ने यहां रह रहे परिवार को बेदखल कर दिया. गब्बर सिंह के छोटे बेटे उम्मेद सिंह के हिस्से में यह जगह आई थी. बताया जा रहा है कि जमीन से बेदखल होने के बाद से वह मानसिक तनाव में है और उसके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया था. जिस जमीन पर उसके बाप-दादा ने अपने खून पसीने से मेहनत की, उससे बेदखल होने का गम उसे ले डूबा. उम्मेद की पत्नी का देहांत वर्षों पूर्व हो गया था. अब उसकी तीन बेटियां अनाथ हो गई हैं. जिनका सहारा अब उनकी दादी है. जमीन से बेदखल होने का गम दादी को भी है.