रुद्रप्रयागः यूरोपीय देशों में सर्वाधिक पसंद की जाने वाली ट्राउट फिश का पालन अब उत्तराखंड में स्वरोजगार की दिशा को नया आयाम देता दिखाई दे रहा है. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले और ठंडे इलाकों में ट्राउट फिश के पालन के लिए मुफीद है. यही वजह है कि किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के उद्देश्य से मत्स्य विभाग ट्राउट मछली उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है. जखोली ब्लॉक के धारकुडी में ट्राउट मत्स्य ब्रुड (प्रजनक) बैंक विधिवत शुरू हो गया है.
मत्स्य विभाग ने डेनमार्क से 6 लाख ट्राउट आइडओवा (अंडे) मंगाकर उनसे शीड तैयार की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जनवरी महीने के अंत में शीड को मांग के अनुसार किसानों को वितरित किए जाएंगे. इससे जहां पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को ट्राउट मछली उत्पादन से रोजगार भी मुहैया होगा. वर्तमान में रुद्रप्रयाग जिले में 45 किसान ट्राउट मछली का उत्पादन कर रोजगार से जुड़े हैं.
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बता दें कि मत्स्य विभाग रुद्रप्रयाग जिले में ट्राउट मछली उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है. जर्मन प्रजाति की ट्राउट मछली उत्पादन भविष्य में जनपद के किसानों की आर्थिकी का जरिया बनेगा. जखोली ब्लॉक के धारकुडी में लगभग 13 नाली भूमि पर ट्राउट मत्स्य ब्रुड बैंक का निर्माण किया गया है. केंद्र सरकार से स्वीकृत 2 करोड़ 62 लाख से निर्माणदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम श्रीनगर गढ़वाल ने मार्च 2020 में निर्माण कार्य की कार्रवाई शुरू की थी. इसी साल सितंबर माह से धारकुडी में निर्माणदायी संस्था ने निर्माण कार्य शुरू किया था.
क्षेत्र में बिल्डिंग वर्क का कार्य होने के साथ हैचरी का निर्माण पूरा हो गया है. ट्राउट मछलियों के लिए 25 मीटर लंबा एवं 2 मीटर मीटर चौडे़ 10 तालाब भी तैयार किए गए हैं. जहां प्रजनन के बाद मछली के बच्चों को रखा जाएगा. बीते साल चार दिसंबर से मस्त्य ब्रुड बैंक धारकुडी में विभाग ने डेनमार्क से छह लाख ट्राउट मछलियों के आइडओवा (अंडे) मंगाकर हैचरी के माध्यम से फिंगरलिंग तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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केंद्र सरकार की नील क्रांति योजना के तहत जर्मन प्रजाति की ट्राउट मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है. चार हजार फीट से अधिक ऊंचाई क्षेत्र इसके उत्पादन के लिए अनुकूल रहता है. ट्राउट मछली के लिए 5 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान बहुत अच्छा रहता है. ट्राउट मछलियों की कीमत अन्य मछलियों से कई गुना अधिक रहती है.
यह मछलियां 600 से 1000 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है. यह मछली स्वास्थ्य के लिए लाभकारी व गुणकारी मानी जाती है. आगामी जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में अंडे से बने शीड को किसानों को वितरित किए जाएंगे. रुद्रप्रयाग जिले के साथ ही उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून समेत अन्य जनपदों के किसानों को मांग के अनुसार ट्राउट मछलियों के बच्चे दिए जाएंगे.
रुद्रप्रयाग जनपद में जिला योजना के तहत ट्राउट मछलियां वितरित की जाएंगी. जिले में जखोली ब्लॉक के धारकुडी निवासी कमल सिंह, ऊखीमठ ब्लॉक के गैड बस्ती निवासी वीरपाल सिंह एवं अगस्त्यमुनि ब्लॉक के लदोली निवासी दिनेश चौधरी समेत 45 किसान ट्राउट मछली उत्पादन में बेहतर कार्य कर रहे हैं.
यह किसान अभी तक साढे़ 4 कुंतल तक मछलियां बेच चुके हैं. स्थानीय स्तर पर लगभग 600 रुपए किलो के हिसाब से मछलियां बेची जा रही है. इससे उनकी आर्थिकी में काफी इजाफा हुआ है. वहीं, जिला प्रभारी मत्स्त्य विभाग रुद्रप्रयाग संजय सिंह बुटोला ने बताया कि जखोली ब्लॉक के धारकुडी में ट्राउट मत्स्य ब्रुड बैंक निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है.