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कपाट खुलने से पहले तुंगनाथ धाम पहुंचे पर्यटक, स्थानीय लोगों में आक्रोश - Tourists reached Tungnath Dham

तुंगनाथ धाम में पर्यटक की कपाट खुलने से पहले भगवान शंकर की तंद्रा भंग हो रही है. इतना ही नहीं स्थानीयों का कहना है कि पर्यटक मंदिर के आस-पास जूते पहनकर घूम रहे हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है.

Tourists reached Tungnath Dham
कपाट खुलने से पहले तुंगनाथ धाम पहुंचे पर्यटक

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Published : Mar 3, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 8:40 PM IST

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने से पहले ही यहां सैलानियों की भारी संख्या में आवाजाही होने लगी है. अभी तक धाम के कपाट खोलने को लेकर तिथि भी तय नहीं हुई है और धाम में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. जिस कारण भगवान शंकर की तंद्रा भंग होने के साथ ही अजैविक कूड़ा फेंकने के कारण वातावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में तुंगनाथ घाटी के लोग, सैलानियों की समय से पूर्व इस चहलकदमी को अनिष्टकारी मान रहे हैं.

बता दें कि तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के हृदय और बाहों की पूजा होती है. यह केदारनाथ और बदरीनाथ के करीब-करीब बीच में है. इस जगह की खासियत यह है कि यहां आकर हर एक इंसान तनाव को भूल, यहां कि शांति को महसूस करने लगता है. यहां के शांत माहौल का लोगों पर इतना प्रभाव पड़ता है कि जीवन के प्रति उनका नजरिया ही बदल जाता है. समुद्रतल से इस मंदिर की ऊंचाई 12 हजार फुट से ज्यादा है.

तुंगनाथ धाम पहुंचे पर्यटक

पंचकेदारों में शुमार बाबा तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि वैशाखी के पवित्र पर्व पर मक्कूमठ मंदिर में तय की जाती है, लेकिन इस क्षेत्र में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते सैलानी तथा क्षेत्रीय पर्यटक चोपता के साथ ही भगवान तुंगनाथ के मंदिर के दर्शनार्थ मखमली बुग्यालों का सीना चीरते हुए तुंगनाथ धाम पहुंच रहे हैं. कई पर्यटक तो जूते समेत ही मंदिर के प्रागंण और इर्द-गिर्द पहुंच रहे हैं, जिस कारण हिन्दुओं की आस्था पर कुठाराघात हो रहा है. इसके साथ ही कई अराजक पर्यटक अपने साथ लाये गये जंक फूड के रैपर तथा पानी की खाली बोतलों को वहीं छोड़ रहे हैं, जिस कारण यहां पर प्रदूषण फैल रही है.
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स्थानीयों का कहना है कि पर्यटकों की तुंगनाथ मंदिर के इर्द गिर्द चहलकदमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. चोपता, दुगलबिट्टा आदि पर्यटक स्थलों में पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिस कारण स्थानीय व्यवसायियों के भी चेहरे खिले हैं, लेकिन भारी तादात में सैलानी तुंगनाथ मंदिर भी पहुंच रहे हैं, जो आस्था के साथ खिलवाड़ है. शीतकाल में तुंगनाथ के भोग मूर्तियों की पूजा मक्कू स्थित मक्कूमठ मंदिर में होती है और ऐसा माना जाता है कि तुंगनाथ मंदिर में स्थापित लिंग की पूजा वैदिक मंत्रों से स्वयं भगवान शंकर करते हैं.

लोगों का कहना है कि कपाट खुलने से पूर्व इस तरह सैलानियों का मंदिर तक पहुंचना अनिष्टकारी है. भगवान शंकर की तपस्या में खलल नहीं पड़ना चाहिए. आठ वर्ष पूर्व ऐसे ही घूमने गए सैलानियों ने मंदिर के कलश को चुराया था. सैलानियों की तुंगनाथ मंदिर मार्ग पर आवाजाही से खतरे की भी संभावना रहती है. 5 से 6 फीट तक जमी बर्फ में कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है. ऐसे में प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है. वहीं, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि चोपता-तुंगनाथ राजस्व क्षेत्र में आता है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर क्षेत्र में पुलिस के जवानों को भेजा जाता है.

Last Updated : Mar 3, 2022, 8:40 PM IST

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