रुद्रप्रयाग: मिनी स्विटजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता और तुंगनाथ में इन दिनों पर्यटकों की भरमार है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. यहां कुछ ही दिन पहले बर्फबारी हुई है. जिसके बाद से इस स्थल की खूबसूरती में चार चांद लग गए हैं. लेकिन यहां पहुंचने के बाद पर्यटक मायूस दिख रहे हैं. क्योंकि क्षेत्र में शौचालय, दूर संचार, बिजली की व्यवस्था नहीं है.
इस साल समय से पहले बर्फबारी
हर साल दिसंबर के तीसरे सप्ताह में इस क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी होती है, लेकिन इस बार अभी से यहां बर्फबारी चालू है. बर्फबारी की वजह से पर्यटकों ने यहां आना शुरू कर दिया है. लेकिन शौचालय, बिजली और दूर संचार की कोई सुविधा न होने से उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. सैलानी यहां रुकने के लिए तो पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं न होने के कारण वे भाग जाते हैं. ऐसे में क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है.
चोपता में विद्युतीकरण नहीं हुआ
प्रसिद्ध पर्यटक क्षेत्र चोपता के सेंचुरी एरिया में आने से भी आज तक यहां विद्युतीकरण नहीं हो सका है. इससे देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऊर्जा निगम ने क्षेत्र में विद्युतीकरण करने के लिए कई बार भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा, लेकिन अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो सका है. इसके अलावा क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है.
चोपता में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव
मिनी स्विटजरलैंड चोपता में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सरकार व्यवस्थाएं नहीं जुटा पा रही है. सालभर देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री और पर्यटक दुगलबिट्टा चोपता व तुंगनाथ की हसीन वादियों का दीदार करने आते हैं, लेकिन अभी भी इन क्षेत्रों में विद्युत, शौचालय, पेयजल, साफ सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की कोई व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं. चोपता-दुगलबिट्टा में बना गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस भी खंडहर में तब्दील हो गया है. इसके लिए भी सरकार और शासन-प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.