रुद्रप्रयाग: तीन दिन से लगातार बारिश जारी है. बारिश का सबसे बुरा असर उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर पड़ रहा है. बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे की पहाड़ियां जगह-जगह दरक रही हैं. ऐसे में हजारों की संख्या में यात्री फंस रहे हैं और उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्री केदारनाथ हाईवे गौरीकुंड के निकट मुनकटिया, तहसील, भटवाड़ीसैंण सहित कई अन्य स्थानों पर हजारों की संख्या में यात्री फंसे हुए हैं और हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं. एनएच की ओर से हाईवे खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश दिक्कतें पैदा कर रही हैं.
रुद्रप्रयाग में आसमान से बरस रही 'आफत', केदारनाथ हाइवे पर फंसे हजारों तीर्थयात्री
रुद्रप्रयाग में आसमानी आफत बरस रही है. जगह-जगह भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. जिससे कई स्थानों पर हजारों की संख्या में यात्री फंसे हुए हैं. केदारनाथ यात्रा पर भी पूरी तरह से ब्रेक लग गया है. पूरे जिले में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी सिरोबगड़ में लगातार बंद है, क्योंकि यहां पर पहाड़ी से बोल्डर गिरते जा रहे हैं.
हाईवे पर फंसे यात्रियों का कहना है कि जगह-जगह मलबा गिर रहा है. जिससे उन्हें भारी परेशानी हो रही है. तेज बारिश से केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा आगत्यमुनि बनियाड़ी में मंदाकिनी नदी में समा गया है. जिससे हाईवे को खतरा पैदा हो गया है. सुरक्षा के लिए जवान तैनात किए गए हैं. बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर लगातार जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. नीचे से विकराल रूप में बह रही मंदाकिनी नदी के कारण लगातार कटाव जारी है. इसके अलावा रुद्रप्रयाग मुख्यालय के गुलाबराय में बदरीनाथ हाईवे का एक बड़ा हिस्सा ढह गया है. राजमार्ग से अनूप नेगी स्कूल को जाने वाला मार्ग भी ध्वस्त हो गया है. ऐसे में स्कूली बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही वाहनों को भी आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं.
यात्रियों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय दुकानदार उनसे सामान खरीदने पर दोगुने दाम ले रहे हैं. कल रात से वह फंसे हुए हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से भी उनकी सुध नहीं ली जा रही है. दूसरी ओर केदारनाथ धाम जा रहे कांवड़ियों को संभालना पुलिस के लिए मुश्किल हो रखा है. रास्ता बंद होने के बावजूद भी कांवड़िए आगे जाने की जिद पर अड़े हुए हैं. कांवड़ यात्रियों का कहना है कि वह कल रात से एक ही स्थान पर हैं. किसी को अपने घर जाना है तो किसी को केदारनाथ, लेकिन उन्हें जगह-जगह रोका जा रहा है.
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