उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने ली बैठक, अधिकारियों को दिये निर्देश - child safety

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने जिला कार्यालय सभागार में संबंधित विभागों की बैठक करते हुए आपस में बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए.

Child Rights Protection Commission
बाल अधिकार संरक्षण आयोग

By

Published : Dec 1, 2019, 2:29 PM IST

रुद्रप्रयाग: बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने जिला कार्यालय सभागार में संबंधित विभागों की बैठक करते हुए आपस में बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाल अधिकार से संबधित मुद्दे अत्यंत संवेदनशील होते हैं. जिन पर तत्परता और जिम्मेदारी समझते हुए कार्य करना होगा. वहीं, उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए ,तभी वे इस दिशा में बेहतर तरीके से कार्य कर सकेंगे.

इस मौके पर शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2011 के तहत निर्धन और गरीब बालक-बालिकाओं के निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर होने वाले प्रवेश की समीक्षा के तहत शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समय से स्कूलों की धनराशि नहीं मिल पाती है. ऐसे में अध्यक्ष ने कहा कि निजी स्कूल सोसाइटी और ट्रस्ट के तहत अपना पंजीकरण कराकर सरकार से इनकम टैक्स, बिजली, पानी जैसी अन्य छूट का लाभ लेते हैं. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत सीटों में गरीब और निर्धन बच्चों को प्रवेश देना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों को बजट का आंवटन भले ही देर से दिया जाता है, मगर सम्पूर्ण धनराशि दे दी जाती है.

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की समीक्षा बैठक.

वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ने बताया कि जिले में लगभग 150 निजी स्कूल हैं, जिनमें 2011 से आतिथि तक 1133 बच्चों का आरटीई अधिनियम के तहत प्रवेश कराया गया है. इस वर्ष मात्र 25 बच्चों का ही प्रवेश हुआ है, जिस पर अध्यक्ष ने आगामी वर्ष में सुधार लाने के निर्देश दिए. वहीं, बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील होकर लोगों में जागरुकता पैदा करके ही बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें:1 दिसंबर से शुरू होगा ऑपरेशन स्माइल, लापता बच्चों को तलाश करेगी पुलिस

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्र में कार्यरत सभी सरकारी विभागों और स्वयं सेवी संस्थाओं को आपस में बेहतर तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए. कहा कि भिक्षा मांगने में लिप्त बच्चों को भिक्षा के वजाय शिक्षा दें और उनके भीतर छुपी प्रतिभा को उजागर करने का काम करें, ताकि ऐसे बच्चें भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें. उन्होंने सभी स्कूलों, तहसीलों एवं विभागों में बाल अधिकारों की जानकारी के लिए बोर्ड चस्पा कराने के निर्देश भी दिए, ताकि आम लोगों को भी बाल अधिकारों की जानकारी मिल सके.

साथ ही अध्यक्ष ने बाल कल्याण समिति, चाइल्ड हेल्पलाइन, निर्भया सेल, किशोर न्याय बोर्ड के मामलों की समीक्षा करते हुए पीड़ित, अनाथ, बेसहारा बच्चों के संरक्षण के लिए त्वरित कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिएॉ. उन्होंने पीड़ित बच्चों को पुलिस की मदद से समय पर रेस्क्यू करने, समय-समय पर बच्चों की मॉनिटरिंग करने और विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिए. बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल बसों की नियमित चैकिंग करने, स्कूलों में मिड-डे मील का औचक निरीक्षण करने और कुपोषित बच्चों तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाने के भी निर्देश दिए.

इस दौरान अध्यक्ष ने जिले में अनाथ, उपेक्षित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए चलाई जा रही समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत महिला और बाल विकास , शिक्षा, चिकित्सा, पुलिस, श्रम, चाइल्ड लाईन, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित कार्यो की विस्तार से समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बेटी बचाओं अभियान, शिक्षा विभाग के तहत किए गए कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण दिया. जिस पर अध्यक्ष ने सराहना करते हुए एक प्रति आयोग को उपलब्ध कराने को कहा. और जिला रूद्रप्रयाग के नवाचार कार्यों को अन्य जिले में शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details