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आकाशकामिनी नदी में भू-कटाव जारी, खतरे की जद में कई परिवार - many families in danger in Tala Tok

ताला तोक में आकाशकामिनी नदी में भू-कटाव के कारण कई परिवार खतरे की जद में आ गये हैं. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने दूरभाष के जरिए प्रभावितों की कुशलक्षेम ली. वहीं, तहसील-प्रशासन के ताला तोक में न पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश है.

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आकाशकामिनी नदी के भू कटाव जारी

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Published : Aug 16, 2020, 4:27 PM IST

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक के निचले हिस्से में आकाशकामिनी नदी में भू-कटाव से निरंतर भूमि धंसाव जारी है. जिसके कारण ताला तोक से लगभग 30 परिवारों ने विभिन्न तोकों में शरण ले ली है. जबकि 50 परिवार अभी भी खतरे की जद में जीवनयापन करने को विवश हैं.

कुंड-चोपता मोटरमार्ग के ताला तोक में बार-बार धंसने से भारी वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गयी है. गढ़वाल सासंद ने दूरभाष के जरिए प्रभावित परिवारों की कुशलक्षेम पूछी. उन्होंने तहसील प्रशासन के उच्चाधिकारियों के आज तक ताला तोक न पहुंचने पर चिंता व्यक्त की है. वहीं, केदारनाथ विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों ने ताला तोक पहुंचकर ग्रामीणों का हालचाल जाना. उन्होंने भू-धंसाव वाले इलाके का स्थलीय निरीक्षण किया.

आकाशकामिनी नदी के भू कटाव जारी

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केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने ताला तोक के ग्रामीणों को यथासंभव मदद देने का आश्वासन दिया. वहीं, जानकारी देते हुए पूर्व प्रधान प्रदीप बजवाल ने बताया कि ताला तोक के ऊपरी हिस्से में दरार पड़ने से अब 80 परिवारों को खतरा बना हुआ है. उन्होंने बताया कि 30 परिवारों ने विद्याालयों, पंचायत भवनों, वन विभाग की चैकियों व प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये तीन टेंट में शरण ली है. शेष 50 परिवार जीवन व मौत के साये में रात गुजारने को मजबूर हैं.

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ग्रामीण प्रतिपाल सिंह बजवाल ने बताया कि कुंड-चोपता मोटरमार्ग पर ताला में निरन्तर भू-धंसाव होने से भारी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है. जिससे आने वाले दिनों में उषाड़ा, हूण्डू, काण्डा, बरंगाली, सेमार दुर्गाधार,ग्वाड व दैड़ा गांवों में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है. पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रताप सिंह बजवाल ने बताया कि कुछ गौशालायें भी खतरे की जद में आ गयी है, जिससे मवेशियों को भी खतरा बना हुआ है.

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