रुद्रप्रयागः इन दिनों रुद्रप्रयाग जिले में सफेद चंदन की तस्करी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. जहां वन महकमे की नाक के नीचे से तस्कर सफेद चंदन की लकड़ी उड़ा ले गए. जिसकी भनक वनाधिकारी को तक नहीं लगी. महकमा चैन की नींद सोया रहा. आलम ये है कि यहां तीसरी आंख की नजर ने भी चोरों का पूरा साथ दिया. वहीं, अब वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप भी लग रहा है.
वनाधिकारी के आवास के बाहर से चंदन के पेड़ काट ले गए तस्कर: बता दें कि बीते 18 दिसंबर की रात को तस्करों ने वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु के आवास से बेशकीमती चंदन के 8 पेड़ों पर हाथ साफ कर दिया. इस बात की भनक न ही प्रभागीय वनाधिकारी को लगी और न ही चौकीदार को. तस्कर आराम से रात को आए और चंदन की लकड़ी को काटकर ले गए. यहां तक कि तस्करों का तीसरी आंख ने भी पूरा साथ दिया.
सीसीटीवी भी पड़ा था खराब, सोए रहे वनकर्मी और चौकीदार:जहां चंदन के पेड़ों को काटा गया, वहां का सीसीटीवी खराब बताया जा रहा है. यानि पहले से ही तस्करों को पता था कि तीसरी आंख की नजर उन पर नहीं रहने वाली है. ऐसे में वो आराम से चंदन की लकड़ी को चुरा ले जाएंगे और कड़ाके की ठंड में प्रभागीय वनाधिकारी और चौकीदार सोए रहेंगे.
यह बात अब किसी को हजम नहीं हो रही है कि आखिर कैसे प्रभागीय वनाधिकारी और चौकीदार के होने के बावजूद भी तस्कर चंदन के पेड़ को काटकर ले गए. आखिर पहले से ही खराब सीसीटीवी कैमरों को ठीक क्यों नहीं करवाया गया? सभी सवालों के उठने के बाद एक सवाल ये भी जनता के मुंह से सुनाई दे रहा है कि तस्करों ने आरा मशीन से चंदन की लकड़ियां काटी हैं और चौकीदार के साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी क्यों चैन की नींद में सोए रहे?
ये भी पढ़ेंःरामनगर में 'पुष्पा' चला रहा पेड़ों पर आरी, काट डाले चंदन के दो पेड़