रुद्रप्रयाग: जिले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है. अब तक 22 अध्यापकों के खिलाफ विभाग कार्रवाई कर चुका है, जबकि 7 अन्य टीचरों की एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच कर रही है. शिक्षा विभाग ने 19 अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी है. इनमें एक अध्यापक की मृत्यु हो चुकी है और दो अध्यापकों को निलंबित किया गया है. विभाग ने एक अशासकीय शिक्षक के खिलाफ विद्यालय प्रबंधन समिति को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है.
बता दें, लम्बे समय से एसआईटी की ओर से फर्जी शिक्षकों की गोपनीय जांच की जा रही है. जांच में कई अध्यापकों की डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं, जिन पर शिक्षा विभाग कार्रवाई कर रहा है. इन सभी शिक्षकों ने 1994 से 2005 के बीच बनाई अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी. लेकिन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में इन वर्षों के सत्र में इन शिक्षकों की डिग्री का कोई रिकार्ड नहीं मिला. इसके आधार पर इनकी डिग्री को फर्जी माना जा रहा है.
हाल ही में जिले के जनता जूनियर हाईस्कूल लुखन्द्रीधार में तैनात सहायक अध्यापक त्रिलोक सिंह कठैत की बीएड की डिग्री एसआईटी ने फर्जी पाई है. एसआईटी ने शिक्षा विभाग को इसमें तुरंत विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. बताया जा रहा कि त्रिलोक सिंह कठैत को सेवानिवृत्त होने में मात्र एक वर्ष बचा हुआ है. विद्यालय अशासकीय होने के कारण मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से स्कूल के प्रबंधक को पत्र भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं.
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इससे पूर्व कारगिल शहीद स्वर्गीय राम सिंह बुटोला मेमोरियल जूनियर हाई स्कूल जखन्याल गांव जखोली में भी प्रधानाध्यापक रघुवीर सिंह बुटोला की डिग्री फर्जी पाई गई थी. इन पर विभाग ने निलंबन की कार्रवाई की है, जबकि इसी विद्यालय के सहायक अध्यापक बीरेन्द्र सिंह की एक वर्ष पूर्व फर्जी डिग्री पाये जाने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है.
रुद्रप्रयाग जिले में अब तक शिक्षा विभाग में 22 अध्यापकों की डिग्रियां एसआईटी की जांच में फर्जी पाई जा चुकी हैं, जबकि अभी 7 अन्य गुरुजी एसआईटी की जांच के दायरे में हैं. शिक्षा विभाग में इतने व्यापक पैमाने पर फर्जी अध्यापकों की नियुक्ति शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर रही है.