रुद्रप्रयाग: रुद्रनाथ महोत्सव एवं विकास मेले का चौथे दिन प्रियंका मेहर के गीतों ने समां बांधा. वहीं, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं कलश संस्था के कवि सम्मेलन ने भी मेले में रंग जमाया. कवि सम्मेलन में कवयित्री उपासना सेमवाल की धरती मां फाड़ा पड़ीन, तुमर क्वी दोष नी छो, ततरू टीरी डुबे और तुमु जरा भी अफसोस नि छो, की कविता से दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया.
प्रसिद्ध लोक गायिका प्रियंका मेहर एवं साथी कलाकारों ने एक के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुियां दी. जिसमें बाजू रे मुरली, घुमै दे, ऐंसो कु बरस, फूल खिलला डांडों मां, नींद चोरी, गेंदा फूल, मां जी मने देलू, क्वे तो मिलू समेत कई गीतों पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मेहर के गीतों के कार्यक्रमों ने देर रात तक समा बांधे रखा. वहीं चैथे दिन मेले में बच्चों एव महिलाओं ने चरखी, झूले, ट्रेन, मौत का कुंआ समेत मनोरंजन साधनों का भरपूर आनंद उठाया. साथ ही मेले में पहुंच रहे लोग जमकर खरीददारी भी कर रहे हैं. कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता अशोक चौधरी एवं सुनीता सेमवाल ने संयुक्त रूप से किया.