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Rudranath Festival: प्रियंका मेहर ने दी धमाकेदार प्रस्तुति, कवियों ने भी बांधा समां

रुद्रप्रयाग में आजकल रुद्रनाथ महोत्सव (Rudranath Festival at Rudraprayag) की धूम है. लोग बड़ी संख्या में रुद्रनाथ महोत्सव में पहुंच रहे हैं. रुद्रनाथ महोत्सव के चौथे दिन प्रसिद्ध लोक गायिका और इंटरनेट सेंसेशन प्रियंका मेहर (Singer Priyanka Mehar at Rudranath Festival) पहुंची. रुद्रनाथ महोत्सव में पहुंची प्रियंका मेहर ने एक के बाद धमाकेदार गानों (Priyanka Mehar Hit Songs) की प्रस्तुतियां दी.

Rudraprayag Rudranath Festival
सिंगिग सेंसेशन प्रियंका मेहर ने दी धमाकेदार प्रस्तुति

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Published : Jan 15, 2023, 9:59 PM IST

रुद्रप्रयाग: रुद्रनाथ महोत्सव एवं विकास मेले का चौथे दिन प्रियंका मेहर के गीतों ने समां बांधा. वहीं, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं कलश संस्था के कवि सम्मेलन ने भी मेले में रंग जमाया. कवि सम्मेलन में कवयित्री उपासना सेमवाल की धरती मां फाड़ा पड़ीन, तुमर क्वी दोष नी छो, ततरू टीरी डुबे और तुमु जरा भी अफसोस नि छो, की कविता से दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया.

प्रसिद्ध लोक गायिका प्रियंका मेहर एवं साथी कलाकारों ने एक के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुियां दी. जिसमें बाजू रे मुरली, घुमै दे, ऐंसो कु बरस, फूल खिलला डांडों मां, नींद चोरी, गेंदा फूल, मां जी मने देलू, क्वे तो मिलू समेत कई गीतों पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मेहर के गीतों के कार्यक्रमों ने देर रात तक समा बांधे रखा. वहीं चैथे दिन मेले में बच्चों एव महिलाओं ने चरखी, झूले, ट्रेन, मौत का कुंआ समेत मनोरंजन साधनों का भरपूर आनंद उठाया. साथ ही मेले में पहुंच रहे लोग जमकर खरीददारी भी कर रहे हैं. कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता अशोक चौधरी एवं सुनीता सेमवाल ने संयुक्त रूप से किया.

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मेले में नगर पालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वाण ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. साथ ही मेले के सफल संचालन के लिए सहयोग मांगा. मेले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. इसके बाद कलश संस्था के कवि सम्मेलन में मुरली दीवान ने दादा छौ ब्वनू मोबाइला चार मुण्ड रंदा बल, ओमप्रकाश सेमवाल ने व्युत्क्रम पलायन गीत फसोड़पट बयां हौड़ ना स्ये हे भुला, जगदम्बा प्रसाद चमोला ने बौण्ड पर टूट्यां फूट्यां भदळा रंदा छा, तेजपाल सिंह रावत ने मैंन भि शहर मा मकान बणैलि, देवेन्द्र उनियाल ने माटु सदानी माटु हि रै, उपासना सेमवाल ने धरती मां फाड़ा पड़ीन, तुमर क्वी दोष नी छो, ततरू टीरी डुबे और तुमु जरा भी अफसोस नि छो के अलावा मां तु कन मा छ, वेदिका सेमवाल ने भूखु नि मन्न में पहाड़ मा समेत कई कवियों ने समसामयिक घटनाओं एवं प्रकृति चित्रण और प्रेम पर आधारित कविताओं से मेले में रंग जमाया.

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