रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के कपाट लग्नानुसार पौराणिक परंपराओं और जय शंकर, जय बाबा मद्महेश्वर के उद्घोषों के साथ विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं. कोविड कर्फ्यू कारण देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी, हक-हकूकधारी, तहसील एवं पुलिस प्रशासन ही इस पल के साक्षी बनें. इस दौरान कोरोना कर्फ्यू के नियमों का सख्ती से पालन किया गया. कपाट खुलने एवं डोली के धाम पहुंचने तक सोशल दूरी का विशेष ध्यान रखा गया.
सोमवार को मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव लिंग ने गौंडार गांव में भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में सुसज्जित कर डोली का विशेष श्रृंगार कर फिर से डोली की आरती उतारी गई. सुबह ठीक 6 बजे भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से रवाना हुई. ग्रामीणों ने घरों से ही पुष्प अक्षत्र अर्पित कर हाथ जोड़कर भगवान की डोली को कैलाश के लिए विदा किया.
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