रुद्रप्रयाग:केदारनाथ यात्रा के दौरानएसडीआरएफ लोगों के लिए 'देवदूत' बनकर कार्य कर रही है. वहीं बीती देर रात्रि एसडीआरएफ को सूचना प्राप्त हुई कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली से लगभग 6 किमी ऊपर नेपाली मूल के 11 लोग और साथ ही डीडीआरएफ के 3 जवान फंसे हुए हैं. सूचना मिलते ही एसडीआरएफ ने तत्काल एक्शन लिया और सभी लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया.
घास काटने गए 11 नेपालियों में से एक की गिरकर मौत, रेस्क्यू को गए 3 DDRF के जवान भी फंसे, SDRF ने बचाया
एसडीआरएफ ने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली से आगे फंसे नेपाली मूल के 11 लोगों और साथ ही डीडीआरएफ के 3 जवानों को रेस्क्यू किया. बताया जा रहा है कि नेपाली मजदूर घास काटने यहां गए थे. जिनमें से एक की गिरने से मौत हो गई थी. सूचना पाकर डीडीआरएफ के 3 जवान घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे. लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते वह भी वहां फंस गए थे.
घटनास्थल पर नेपाली मूल के 11 लोग घास काटने के लिए अत्यधिक दुर्गम क्षेत्र में गए हुए थे. जहां पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण नीचे गिरने पर एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी. इस घटना की जानकारी पर डीडीआरएफ रुद्रप्रयाग के 3 जवान घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे. लेकिन दुर्गम मार्ग व अंधेरा होने के कारण वे लोग भी वहीं फंस गए. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उनके द्वारा एसडीआरएफ से संपर्क कर सहायता मांगी गईं.
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सूचना पर एएसआई प्रविंद्र धस्माना की एसडीआरएफ टीम व डीडीआरएफ के 4 जवान तत्काल मौके के लिए रवाना हुए. एसडीआरएफ टीम देर रात्रि कड़ी मशक्कत करते हुए लिंचोली से लगभग 15-16 किमी दूर घटनास्थल पर पहुंचकर सभी फंसे हुए लोगों रेस्क्यू कर नीचे ले आई. एसडीआरएफ टीम द्वारा अत्यंत दुर्गम व वैकल्पिक मार्गों से होते हुए 10 नेपाली मूल के व्यक्तियों, 3 डीडीआरएफ के जवानों व एक शव को भीमबली पहुंचाया गया. बता दें कि केदारनाथ यात्रा के दौरान डीडीआरएफ टीम काफी एक्टिव है. सूचना मिलते ही तत्काल मौकै पर पहुंचकर मदद पहुंचा रही है.