रुद्रप्रयागःदेश के लगभग 22 राज्यों में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संदेश आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से साइकिल यात्रा पर निकले उड़ीसा के भुवनेश्वर निवासी 26 वर्षीय सत्यव्रत दास के ऊखीमठ पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया. केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद ऊखीमठ पहुंचे सत्यव्रत दास बदरीनाथ के लिए रवाना हो गए हैं. बदरीनाथ दर्शन के बाद वे साइकिल से लद्दाख, वैष्णो देवी के लिए रवाना होंगे. इसके अलावा चार अन्य राज्यों की साइकिल यात्रा करने के बाद उड़ीसा जगन्नाथ पुरी पहुंचने पर उनकी साइकिल यात्रा का समापन होगा. वे अभी तक लगभग 14 राज्यों की साइकिल यात्रा कर चुके हैं और लगभग 8 हजार 830 किमी की दूरी तय कर चुके हैं.
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने केदारनाथ पहुंचे उड़ीसा के सत्यव्रत, साइकिल से कर रहे हैं यात्रा - Satyvart reached Kedarnath from Orissa
22 राज्यों में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संदेश देने के लिए साइकिल यात्रा पर निकले उड़ीसा के सत्यव्रत ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए. इसके बाद वापस लौटने पर ऊखीमठ में लोगों ने उनका स्वागत किया. केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद सत्यव्रत दास बदरीनाथ के लिए रवाना हो गए हैं.
बता दें कि बीते 5 अप्रैल को उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी से सत्यव्रत दास ने साइकिल यात्रा शुरू की थी. आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल सहित 14 राज्यों में साइकिल यात्रा करने के बाद सत्यव्रत दास दो जुलाई को हरिद्वार पहुंचे. हरिद्वार पहुंचने के बाद उन्होंने केदारघाटी की ओर रूख किया और केदारनाथ दर्शन करने के बाद वे बुधवार को ऊखीमठ पहुंचे. इस दौरान नवदीप नेगी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत, थानाध्यक्ष राजीव चौहान सहित तीर्थयात्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया. सत्यव्रत दास ने बताया कि देश के 22 राज्यों में उनका साइकिल यात्रा करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के प्रति सजग करना है.
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उन्होंने बताया कि देश ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व आज पर्यावरण समस्या से जूझ रहा है तथा भविष्य में इसके और अधिक गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हिमालय धीरे-धीरे बर्फ विहीन हो रहा है, जो कि चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन को बचाना है तो सभी को सजग होने की सख्त आवश्यकता है. सत्यव्रत दास ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए सामूहिक पहल होनी चाहिए तथा सभी को प्रकृति के संरक्षण के लिए आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि आम जनता को राष्ट्रीय पर्वों से लेकर अपने जन्मदिन पर अवश्य एक पौधा लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए.