रुद्रप्रयाग: नाकोट-ताली-जहंगी और अगस्त्यमुनि-डोभा-गणेशनगर मोटरमार्ग का ग्रामीण पिछले 15 सालों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकारों की उपेक्षा और अधिकारियों के रवैयों की वजह से आज तक मोटरमार्ग का निर्माण नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से आक्रोशित ग्रामीणों ने पहले वन विभाग कार्यालय परिसर में धरना दिया, उसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देने पहुंचे.
ग्रामीणों ने कहा कि सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा है. विभागीय अधिकारी बार-बार ग्रामीणों को झूठे आश्वासन देकर बेवकूफ बना रहे हैं. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी जनता की तकलीफ को नहीं समझ रहे हैं. ऐसे में आंदोलन के सिवाय उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है.
ग्रामीणों ने कहा कि अगर दो दिनों के भीतर वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हम 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. मोटरमार्ग निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले भौंसाल, रूमसी, जहंगी, डोभा, गणेशनगर आदि गांवों के ग्रामीण रुद्रप्रयाग पहुंचे. ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए वन प्रभाग परिसर में धरना दिया.
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पूर्व जिला पंचायत सदस्य राणा ने कहा कि स्पेशल कंपोनेंट प्लान में अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र को जोड़ने के लिए वर्ष 2005 में नाकोट-ताली-जहंगी मोटरमार्ग स्वीकृत हुआ था, मगर वन विभाग व लोनिवि की उपेक्षा के चलते आज तक निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. जिसके कारण ग्रामीण मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं. वन संपदा की क्षतिपूर्ति के लिए रूमसी के ग्रामीणों ने पौधारोपण के लिए सिविल भूमि वन विभाग को दी, लेकिन विभाग ने यह कहकर इंकार कर दिया कि भूमि ढलानयुक्त है, जिस पर पौधारोपण संभव नहीं हैं. ग्रामीणों ने अगस्त्यमुनि-डोभा-गणेशनगर मोटर मार्ग का निर्माण नहीं होने पर रोष जताया.
राणा ने कहा कि दो दिन में अगर विभागीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण मोटरमार्ग निर्माण को लेकर 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. इस दौरान केदारनाथ विधायक मनोज रावत, जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों की मांग का समर्थन किया. धरना देने वालों में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और रूमसी, भौंसाल के ग्रामीण शामिल थे.