रुद्रप्रयाग: लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से रुद्रप्रयाग पुलिस ने उत्तराखंड ट्रैफिक आइज एप को री-लॉन्च किया है. हालांकि इस एप के बारे में लोगों को अभी ज्यादा नहीं पता है. ऐसे में पुलिस की ओर से इस एप को दोबारा लॉन्च किया गया है. इस एप के जरिए कोई भी व्यक्ति यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ शिकायत कर पुलिस का सहयोग कर सकता है. शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा. साथ ही उसे पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा.
दरअसल, अक्सर लोग यातायात के नियमों का उल्लंघन करते दिख जाते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की आशंकाएं बनी रहती हैं. ऐसे में अब कोई भी व्यक्ति इस मोबाइल एप के जरिए यातायात का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ शिकायत कर पुलिस की सहयता कर सकता है. शिकायत पर संबंधित क्षेत्र की पुलिस द्वारा संज्ञान लेकर नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही समय-समय पर शिकायतकर्ताओं को सम्मानित भी करेगी. इस एप को गूगल प्ले स्टोर में जाकर उत्तराखंड ट्रैफिक आइज एप के नाम से डाउनलोड किया जा सकता है.
पुलिस ने री-लॉन्च किया उत्तराखंड ट्रैफिक आइज एप ये भी पढ़ें: केसी वेणुगोपाल से मिला उत्तराखंड कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, चुनावी रणनीति पर चर्चा
ये होंगे शिकायतों के ऑप्शन
इंस्टॉल करने के बाद मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया जाएगा. रजिस्टर्ड हो जाने के बाद जिस प्रकार के यातायात नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, उसकी शिकायत दर्ज की जाएगी. इस एप में बिना सीट बेल्ट वाहन संचालन, वाहन चलाते वक्त मोबाइल का प्रयोग करना, बिना हेलमेट के बाइक चलाना, नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करना, दोपहिए वाहन पर तीन लोगों का सवार होना और वर्तमान में कोविड के दृष्टिगत बिना मास्क के बाहर टहलना आदि शिकायतें शामिल हैं. शिकायत सीधे जिले की यातायात पुलिस के पास पहुंच जाएगी.
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झूठी शिकायत देने पर होगी कार्रवाई
अगर शिकायतकर्ता किसी द्वेष भावना से झूठी शिकायत करता है, तो शिकायतकर्ता के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि, पुलिस को झूठी सूचना देना भी अपराध की श्रेणी में आता है. वहीं, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि जिले में उत्तराखंड ट्रैफिक आइज एप पर कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले का फोटो या वीडियो बनाकर डालकर डाल सकता है. जिसके बाद पुलिस संबंधित व्यक्ति के खिलाफ चालान की कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी.