रुद्रप्रयाग: डीएम मंगेश घिल्डियाल के एक आदेश ने शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है. आदेश में सभी प्रधानाचार्यों, शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को 18 मई तक अपने विद्याालय में उपस्थित होने को कहा गया है. वहीं, बाहर से आने वाले प्रवासियों की निगरानी के लिए शिक्षकों सौंपी जाएगी. इससे पहले दूरदराज से आने वाले शिक्षको को क्वारंटीन किया जाएगा.
दरअसल, 22 मार्च से प्रदेश में कोरोना संकट के कारण पूरी तरह से लाॅकडाउन चल रहा है. लाॅकडाउन के चलते सभी विद्यालय पूरी तरह से बंद हैं और उनके खुलने की फिलहाल कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है. ऐसे में अधिकांश शिक्षक यहां तक प्रधानाचार्य भी अपने घरों को चले गए, जिनमें अधिकांश के घर देहरादून में या अन्य जिलों में हैं. वे सभी लोग फिलहाल अपने घरों में ही हैं. मगर रेड एवं ऑरेंज जोन से आने वालों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन होना आवश्यक है. ऐसे में जो शिक्षक आना भी चाह रहा था उसने क्वारंटीन से बचने के लिए वहीं रहना ठीक समझा तथा लाॅकडाउन-तीन के खत्म होने का इन्तजार करने लगे, लेकिन प्रधानमंत्री के लाॅकडाउन-4 की घोषणा के बाद गाइडलाइन का इंतजार कर रहे थे, इससे पहले जिलाधिकारी का आदेश आ गया. अब वे समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें?
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रुद्रप्रयाग में कोरोना महामारी के संकट में बड़ी संख्या में प्रवासी ग्रामीणों की घर वापसी हो रही है. कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इन प्रवासियों को होम, संस्थागत एवं हाईब्रिड क्वारंटीन किया जा रहा है. इनकी निगरानी के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधान एवं शहरी क्षेत्र में सभासदों की अध्यक्षता में निगरानी समितियों का गठन किया गया है, लेकिन अक्सर देखा जा रहा है कि प्रवासी ग्रामीण क्वारंटीन के नियमों का सही से पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में अब जिलाधिकारी ने शिक्षकों को क्वारंटीन हुए प्रवासियों की निगरानी के लिए तैनात करने का निर्णय लिया है. इसके लिए उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय माध्यमिक, उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों को अपने अधीनस्थ समस्त शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को 18 मई तक अपने विद्यालय एवं मुख्यालय में उपस्थित होने के निर्देश जारी करने को कहा है.
वहींं, खंड शिक्षा अधिकारी अगस्त्यमुनि केएल रड़वाल ने बताया कि इस संबंध में सभी संस्थाध्यक्षों को आदेश निर्गत कर दिए गए है. इस संबंध में सूचना 18 मई शाम पांच बजे तक देने को कहा गया है. इस आदेश के बाद अब शिक्षकों में हलचल मच गई है.