रुद्रप्रयाग: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की शासन में सचिवों की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (सीआर) लिखने का अधिकार कैबिनेट मंत्रियों को दिए जाने की मांग का जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्षों को भी यह पाॅवर देने की मांग की है.
जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने कहा कि पूर्ववर्ती एनडी तिवारी सरकार में मंत्रियों एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को नौकरशाहों की सीआर लिखने का अधिकार था, लेकिन बाद में इसे समाप्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जो मांग काबीना मंत्री ने उठाई है, वह पूरी तरह से जायज है.
इस मांग को सभी जिला पंचायत अध्यक्ष समर्थन दे रहे हैं. डीएम की सीआर लिखने का अधिकार हटाये जाने से कैबिनेट मंत्री एवं जिला पंचायत अध्यक्षों में नाराजगी है, जिसे लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का अधिकार कम किये जाने के रूप में देखा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के लिए रात-दिन मेहनत करते हैं. विकास कार्यो के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हैं, लेकिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए ही जनप्रतिनिधियों के पास कोई अधिकार नहीं हैं, जिस कारण कई बार अधिकारी जनता के प्रति लापरवाह हो जाते हैं.
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उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों को लापरवाह अधिकारियों की कार्यशैली पर अंकुश लगाने के लिए अधिकार मिलने बहुत जरूरी हैं. ऐसे में अफसरों में अनुशासन बना रहेगा और विकास कार्य भी तेजी से होंगे. जिससे जनता को ही फायदा पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि जिले में विकास कार्यों को तेज रफ्तार देने के लिए जनप्रतिनिधियों को मजबूत किया जाना आवश्यक है.
जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों की एसआर लिखने के अधिकार मिलने चाहिए. यह कोई नई परंपरा नहीं है. पूर्व में भी जिला पंचायत अध्यक्ष ही जिलाधिकारियों की सीआर लिखने का काम करते थे. यही व्यवस्था ब्लाॅकों में भी थी. जिससे सभी क्षेत्रों में अधिकारी गंभीरता से कार्य करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि जिला स्तर से लेकर ब्लाॅक स्तर पर अनुशासन की व्यवस्था बनाने को लेकर जिला पंचायत अध्यक्षों को सीआर लिखने के अधिकार दिये जाने चाहिए.