रुद्रप्रयाग: न्यायालय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा कुण्ड-चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारों व्यवसाय कर रहे हक-हकूकधारी को नोटिस जारी किए जाने से वे खफा हैं. व्यापारियों ने तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया. इस मौके पर व्यापारियों ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन ने स्थानीय व्यापारियों की आजीविका के साथ खिलवाड़ किया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर न्याय की गुहार लगाकर पर्यटन व रोजगार नीति बनाने की मांग की जाएगी.
प्रशासन ने थमाया नोटिस तो व्यापारियों का ठनका माथा, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - Rudraprayag tourist place
Rudraprayag Traders Protest कुण्ड-चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारों व्यवसाय कर रहे लोगों को प्रशासन द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी संकट गहरा गया है. वहीं प्रशासन के नोटिस दिए जाने से खफा व्यापारियों ने कहा कि सीएम से गुहार लगाकर पर्यटन व रोजगार नीति बनाने की मांग करेंगे.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Sep 5, 2023, 10:17 AM IST
नोटिस मिलने के बाद तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों के व्यापारी मक्कू बैंड में एकत्रित हुए तथा मक्कू बैंड, दुगलविट्टा, पंगेर, बनिया कुण्ड, पटवाडा, चोपता व भूनकुन यात्रा पड़ावों पर विरोध दर्ज कराते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी ने कहा कि तुंगनाथ घाटी में आज भी विद्युत, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र व प्रदेश सरकारों ने तुंगनाथ घाटी की उपेक्षा की है. जबकि तुंगनाथ घाटी के जनमानस तुंगनाथ घाटी के पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है. इसी के फलस्वरूप आज तुंगनाथ घाटी को विश्व मानचित्र पर जगह मिली है.
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प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण कई युवाओं का रोजगार छीन गया था तथा आज वे युवा तुंगनाथ घाटी में ढाबों का संचालन कर रहे हैं. मगर प्रशासन व वन विभाग द्वारा समय-समय पर व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. प्रधान पावजगपुडा अरविन्द रावत ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार पर्यटन व्यवसाय को विकसित करने की बात कह रही है, दूसरी तरफ व्यापारियों को बेदखली के नोटिस जारी करना समझ से परे है.स्थानीय व्यापारी सतीश मैठाणी ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 को लागू करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है. मगर आज तक प्रदेश सरकार इस अधिनियम को लागू करने में विफल रही है. स्थानीय व्यापारी प्रदीप बजवाल ने कहा कि यदि समय रहते बेदखली के नोटिस वापस नहीं लिये गये तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जायेगा.