रुद्रप्रयागः केदारनाथ हाईवे पर बिना बारिश के ही पहाड़ी दरक रही है. जिससे घंटों तक जाम लग रहा है. इसका असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ रहा है. यहां पहाड़ी दरक रही है. ऐसे स्थानों पर भी कई दोपहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा केदारनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग तहसील के पास देखने को मिल रहा है. यहां पहाड़ी से भारी मात्रा में बोल्डर हाईवे पर गिर गए. लेकिन दोपहिया वाहन चालकों को इतनी जल्दी थी कि वो हाथ से ही बोल्डर किनारे करने लगे और टूटी हुई चट्टान के बीच से अपने वाहनों को निकालकर चलते बने.
केदारनाथ हाईवे पर टूटी चट्टान, जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे लोग
रुद्रप्रयाग जिले में भले ही बारिश न हो रही हो, लेकिन पहाड़ियों का दरकना जारी है. रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर केदारनाथ हाईवे पर भारी भरकम चट्टान और बोल्डर आ गिरे. जिससे हाईवे बाधित हो गया. लेकिन कुछ लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर ही बोल्डरों के बीच से ही अपने दोपहिया वाहन निकालते रहे.
बता दें कि पहाड़ों में अब धीरे-धीरे बारिश का दौर थम रहा है. लेकिन पहाड़ियों के टूटने का सिलसिला जारी है. बरसात में कच्ची हो चुकी पहाड़ियां इन दिनों बिना बारिश के ही दरक रही हैं. खासकर केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह बने स्लाइडिंग जोन पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. इस कारण केदारनाथ यात्रा भी प्रभावित हो रही है और यात्रियों को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. भूस्खलन वाले स्थानों पर हाईवे पर सफर करने वाले स्थानीय लोग और तीर्थ यात्री लापरवाही भी दिखा रहे हैं.
भूस्खलन वाले स्थानों पर पहाड़ी से टूटी हुई चट्टानों के बीच ही लोग आवाजाही कर रहे हैं. ऐसे चट्टानों के बीच से आवाजाही (Rock Broken on Kedarnath Highway) करना खतरनाक साबित हो सकता है. रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. यहां चट्टान टूटने के कारण हाईवे बंद हो गया और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. इससे बेपरवाह कुछ दोपहिया वाहन सवार लोगों को इतनी जल्दी थी कि उन्होंने हाईवे खुलने का इंतजार नहीं किया और जान जोखिम में डालते हुए किसी तरह से टूटी हुई चट्टान के बीच से अपने वाहन निकालते रहे.