रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के हिमालयी क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश न होने से हिमालय धीरे-धीरे बर्फ विहीन होता जा रहा है. जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश न होने से फरवरी माह में ही तापमान में वृद्धि होने लग गयी है. बर्फबारी और बारिश न होने से काश्तकारों की फसलों को खासा नुकसान हो रहा है. आने वाले दिनों में बारिश नहीं होती है तो मई व जून माह में भारी पेयजल संकट गहरा सकता है अैर तापमान का पारा अधिक चढ़ने से मनुष्य की दिनचर्या खासी प्रभावित हो जाएगी.
स्थानीय लोग फरवरी माह में ही तापमान में वृद्धि होना भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं माने जा रहे हैं. आने वाले दिनों में यदि हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश नहीं होती है तो मई व जून में भारी पेयजल संकट गहराने से लोगों को दो बूंद के लिए तरसना पड़ सकता है. गर्मियों में मौसम का पारा अत्यधिक चढ़ने से मानव का जीना मुश्किल हो सकता है. व्यापार संघ चोपता के अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने कहा कि दो दशक पूर्व अप्रैल महीने तक तुंगनाथ घाटी बर्फबारी से लकदक रहती थी, मगर इस वर्ष मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होने से तुंगनाथ घाटी का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है.