रुद्रप्रयाग: ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हैं, बावजूद इसके बड़ी संख्या में यूट्यूबर्स केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. ये यूट्यूबर्स यात्रा पड़ाव से लेकर धाम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. ऐसे में तीर्थ पुरोहित समाज से लेकर पर्यावरणविदों ने इस पर आक्रोश जताया है. उनकी माने तो जहां इससे एक ओर धार्मिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं पर्यावरण पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. इसके लिए शासन और प्रशासन जिम्मेदार है, जो इन लोगों पर रोक लगाने में नाकाम दिख रहा है.
बता दें शीतकाल में भगवान केदारनाथ के कपाट 6 माह के लिए बंद रहते हैं. आपदा के बाद से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं, जो जनवरी प्रथम सप्ताह तक ही किये जाते हैं. इसके बाद धाम में भारी बर्फबारी होती है. तब कार्य को बंद कर दिया जाता है, जो सीधा अप्रैल माह में शुरू किये जाते हैं. केदारनाथ कपाट बंद होने के बाद आईटीबीपी के जवान मंदिर की सुरक्षा में जुटे हुए हैं, जबकि कुछ साधु संत ही धाम में रह रहे हैं.
इनके अलावा धाम में कोई भी नहीं है, मगर कुछ यूट्यूबर्स केदारनाथ धाम पहुंचकर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. इन वीडियो के वायरल होने के बाद तीर्थ पुरोहित समाज और पर्यावरणविदों ने आक्रोश जताते हुए चिंता व्यक्त की है.
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केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा पिछले वर्ष एक दानीदाता की ओर से मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया है. इसके साथ ही छः माह केदारनाथ में नर पूजा एवं छः माह देव पूजा होती है. शीतकाल के समय देवगण भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, मगर इस समय भी धाम में लोगों का आना-जाना लगा हुआ है. केदारनाथ बाबा का श्रृंगार बर्फ से हो रखा है. यह श्रृंगार अनेक श्रृंगारों में एक श्रृंगार है. इसके बावजूद यूट्यूबर्स केदारनाथ पहुंचकर परंपरा से खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने कहा यूट्यूबर्स के केदारनाथ पहुंचने से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस बाबत मंदिर समिति से भी वार्ता हुई है. ऐसे लोगों पर रोक लगाने की मांग की गयी है. बाबा केदारनाथ की परम्पराओं और प्रकृति का ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है.