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रुद्रप्रयाग: जखोली पॉलिटेक्निक के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आएं जनप्रतिनिधि

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Published : Jul 3, 2020, 8:36 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में करीब 12 पॉलिटेक्निक संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है, इनमें से रुद्रप्रयाग जनपद का जखोली पॉलिटेक्निक संस्थान भी है. ऐसे में जन अधिकार मंच ने जनप्रतिनिधियों से इस पॉलिटेक्निक के अस्तित्व को बचाने की अपील की है.

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जखोली पॉलिटेक्निक के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आएं जनप्रतिनिधि

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में करीब 12 पॉलिटेक्निक संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है, इनमें से रुद्रप्रयाग जनपद का जखोली पॉलिटेक्निक संस्थान भी है. जबकि, जखोली में करीब 4 करोड़ 66 लाख रुपए की धनराशि से पॉलिटेक्निक संस्थान का निर्माण चल रहा है.

बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने 10 आईटीआई बंद करने का आदेश जारी कर चुकी है और अब सरकार ने पॉलिटेक्निकों के भवनों को उच्च शिक्षा निदेशालय को हस्तांतरित करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार का इरादा बंद हो चुके पॉलिटेक्निक के भवनों में डिग्री कॉलेज चलाने का है. जखोली में पॉलिटेक्निक संस्थान का भवन बनकर तैयार होने को है और इस भवन पर 4 करोड़ 66 लाख रुपए की धनराशि खर्च हो रही है, लेकिन इस भवन पर अब पॉलिटेक्निक संस्थान संचालित नहीं होगा, इस पर अब महाविद्यालय संचालित करने की तैयारी है.

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वहीं, जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि जखोली में पॉलिटेक्निक संस्थान के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर ढांचा तो खड़ा कर दिया गया है, लेकिन अब सरकार इसे बंद कर रही है. सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह के संस्थान खोले जा रहे हैं, जिसका फायदा छात्रों को नहीं मिल रहा है, अगर सरकार सभी ट्रेडों में स्थायी शिक्षकों की तैनाती करती तो संस्थान बंद करने की नौबत नहीं आती, उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी शिक्षा को खत्म करना चाहती है और सरकार की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से पॉलिटेक्निकों में पढ़ाने वाले करीब 250 संविदा शिक्षक बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं, इन संस्थानों में सैकड़ों पद रिक्त हैं. सरकारी पॉलिटेक्निकों में लेक्चरर के सृजित 953 पदों में से 722 पद रिक्त हैं और प्रधानाचार्यों के 77 स्वीकृत पदों में से 62 पद रिक्त हैं, इन पदों पर शिक्षकों की तैनाती होती तो आज पॉलिटेक्निक संस्थानों को बंद करने की नौबत नहीं आती.

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